Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Mar, 2025 02:48 PM

कैंसर दुनिया की सबसे गंभीर बीमारियों में से एक है, जिसके इलाज की खोज में वैज्ञानिक लगातार नए-नए शोध कर रहे है ऐसे में हाल ही में, ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने डीएनए में मौजूद टेलोमेयर नामक संरचना पर आधारित एक महत्वपूर्ण खोज की है, जो कैंसर के इलाज और...
नेशनल डेस्क: कैंसर दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक है, जिसके इलाज की खोज में वैज्ञानिक लगातार नए शोध कर रहे हैं। हाल ही में, ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने डीएनए में मौजूद टेलोमेयर नामक संरचना पर एक महत्वपूर्ण खोज की है, जो कैंसर के उपचार और रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकती है। यह शोध कैंसर को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक नई उम्मीद जगा रहा है।
टेलोमेयर: उम्र बढ़ने से कैंसर रोकने तक की भूमिका
सिडनी स्थित चिल्ड्रन मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMRI) के वैज्ञानिकों ने टेलोमेयर की कार्यप्रणाली पर गहन अध्ययन किया। इस शोध का नेतृत्व टोनी सेसारे और उनकी टीम ने किया, जिनका मानना है कि टेलोमेयर केवल उम्र बढ़ने से जुड़े नहीं हैं, बल्कि वे कोशिकाओं की सुरक्षा और कैंसर के विकास को रोकने में भी सहायक होते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, टेलोमेयर निष्क्रिय रूप से छोटे नहीं होते, बल्कि वे तनाव का तुरंत जवाब देते हैं और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करते हैं। यह प्रक्रिया शरीर के प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र का हिस्सा है, जो अनियंत्रित कोशिका वृद्धि को रोक सकती है और कैंसर के जोखिम को कम कर सकती है। टोनी सेसारे के अनुसार, "हमारे शोध से यह स्पष्ट होता है कि टेलोमेयर तनाव और क्षति पर प्रतिक्रिया देकर कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते हैं। यह खोज कैंसर के नए और प्रभावी उपचार विकसित करने में सहायक हो सकती है।"
टेलोमेयर कैसे कैंसर से बचाते हैं?
टेलोमेयर कोशिकाओं के विभाजन और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समय के साथ ये छोटे होते जाते हैं और जब ये अत्यधिक संक्षिप्त हो जाते हैं, तो वे कोशिकाओं को विभाजन रोकने का संकेत देते हैं। यह प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र कैंसर के अनियंत्रित प्रसार को रोकने में मदद करता है।
अगर वैज्ञानिक टेलोमेयर को लक्षित कर कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने की विधि खोज लेते हैं, तो यह कैंसर उपचार के लिए एक नया और प्रभावी विकल्प बन सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2022 में 2 करोड़ से अधिक नए कैंसर मामले सामने आए, और 97 लाख लोगों की मृत्यु इस बीमारी से हुई। हर 5 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में यह शोध कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।