Jio, Airtel, VI और BSNL यूजर्स के लिए बड़ी खबर, TRAI ने उठाया अहम कदम, अब 1 दिसंबर से...

Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Nov, 2024 12:20 PM

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डिजिटल युग में बढ़ते साइबर खतरों और धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एक अहम कदम उठाया है। TRAI ने दूरसंचार कंपनियों को OTP ट्रेसेबिलिटी उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है, ताकि नकली OTP संदेशों के...

नेशनल डेस्क: डिजिटल युग में बढ़ते साइबर खतरों और धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एक अहम कदम उठाया है। TRAI ने दूरसंचार कंपनियों को OTP ट्रेसेबिलिटी उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है, ताकि नकली OTP संदेशों के जरिए होने वाले साइबर अपराधों पर लगाम लगाई जा सके।

31 नवंबर की नई समय सीमा
पहले इन उपायों को लागू करने की समयसीमा 31 अक्टूबर थी। लेकिन Jio, Airtel, VI और BSNL जैसी प्रमुख कंपनियों के अनुरोध पर इसे 31 नवंबर तक बढ़ा दिया गया। अब 1 दिसंबर से, इन कंपनियों को OTP और अन्य वाणिज्यिक संदेशों को ट्रैक करने के लिए नए नियम लागू करने होंगे। हालांकि, यह कदम OTP संदेशों में थोड़ी देरी का कारण बन सकता है, जिससे बैंकिंग और टिकट बुकिंग जैसी सेवाओं में कुछ असुविधा हो सकती है।

धोखाधड़ी पर लगाम लगाने का प्रयास
TRAI का यह कदम उन लोगों को बचाने के लिए है जो नकली OTP संदेशों के कारण वित्तीय नुकसान उठाते हैं। ट्रेसेबिलिटी उपायों से इन संदेशों को स्कैमर्स तक पहुंचाने वाले तरीकों की पहचान की जाएगी, जिससे उपभोक्ता अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।

2025 से लागू होंगे नए RoW नियम
TRAI ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक और बड़ा बदलाव 1 जनवरी 2025 से लागू करने का फैसला किया है। इसे राइट ऑफ वे (RoW) नियम कहा जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य देशभर में 5G इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को तेज़ करना है।

RoW नियमों का प्रभाव
RoW के तहत अब देशभर में दूरसंचार कंपनियों के लिए मानकीकृत शुल्क और प्रक्रिया तय की जाएगी। वर्तमान में, प्रत्येक राज्य में अलग-अलग शुल्क और नियम लागू हैं, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना में देरी होती है। नए नियमों से यह प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित और तेज़ होगी, जिससे 5G सेवाओं का विस्तार तेजी से होगा।

TRAI के इन बदलावों का व्यापक प्रभाव
इन दोनों बड़े फैसलों—OTP ट्रेसेबिलिटी और RoW मानकीकरण—से न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी का स्तर भी ऊपर जाएगा। यह कदम भारत को साइबर सुरक्षा और 5G सेवाओं में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।

 

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