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मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर की आय में हुई जबरदस्त वृद्धि, एक साल में 133 करोड़ रुपये की कमाई

Edited By Mahima,Updated: 02 Apr, 2025 01:41 PM

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मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट की आय वित्तीय वर्ष 2024-25 में 133 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की 114 करोड़ रुपये से 15% अधिक है। यह वृद्धि बेहतर दर्शन व्यवस्था और भक्तों के अनुभव पर आधारित है। आय का मुख्य स्रोत दान पेटी, प्रसाद...

नेशनल डेस्क: मुंबई का प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर, जो प्रभादेवी इलाके में स्थित है, ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अपनी आय में शानदार वृद्धि दर्ज की है। इस वर्ष मंदिर ट्रस्ट की कुल आय 133 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 2023-24 में 114 करोड़ रुपये थी। इस वृद्धि ने सिद्धिविनायक मंदिर को देश के सबसे अमीर और व्यस्त मंदिरों में से एक बना दिया है। आय में यह वृद्धि 15 प्रतिशत तक हुई है, जो ट्रस्ट के लिए एक नया रिकॉर्ड है।

जानिए क्या है आय में वृद्धि के कारण
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, आय में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से मंदिर में दर्शन की व्यवस्था में सुधार के कारण हुई है। मंदिर के उप कार्यकारी अधिकारी संदीप राठौड़ ने बताया कि भक्तों को दर्शन के दौरान एक अच्छा अनुभव देने के लिए कतारों का बेहतर प्रबंधन किया गया है। उन्होंने कहा कि जब भक्तों को सुचारू और व्यवस्थित तरीके से दर्शन करने का मौका मिलता है, तो मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ती है, जिससे दान में वृद्धि होती है और ट्रस्ट की आय भी बढ़ती है। संदीप राठौड़ ने यह भी कहा कि सिद्धिविनायक मंदिर में प्रत्येक भक्त को दर्शन के लिए 10-15 सेकंड का समय दिया जाता है, जो अन्य बड़े मंदिरों की तुलना में ज्यादा है। कई अन्य प्रमुख मंदिरों में दर्शन के लिए केवल 5-7 सेकंड का समय दिया जाता है, जिससे भक्तों को कम समय में दर्शन करने का अवसर मिलता है। राठौड़ का मानना ​​है कि यह व्यवस्था भक्तों को अधिक संतुष्टि देती है, और इसी कारण से आय में वृद्धि हुई है।

पैसों का उपयोग मंदिर के सामाजिक कार्यों में
सिद्धिविनायक मंदिर का उद्देश्य केवल आय अर्जित करना नहीं है। ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य है लोगों की सेवा करना और उनके धार्मिक अनुभव को बेहतर बनाना। मंदिर की आय मुख्य रूप से दान पेटी से, पूजा और प्रसाद की बिक्री से, ऑनलाइन दान से और सोने-चांदी के चढ़ावे से होती है। इन पैसों का उपयोग मंदिर के सामाजिक कार्यों में किया जाता है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और गरीबों की मदद। ट्रस्ट यह सुनिश्चित करता है कि प्रसाद को बिना किसी मुनाफे के उचित मूल्य पर बेचा जाए, ताकि भक्तों को कोई कठिनाई न हो। मंदिर प्रशासन के अनुसार, हाल ही में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि हुई है, लेकिन फिर भी प्रसाद और अन्य सेवाओं को उचित कीमत पर ही बेचा जा रहा है। संदीप राठौड़ ने यह भी कहा कि मंदिर का मुख्य उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है, बल्कि समाज की सेवा करना और भक्तों को अच्छा अनुभव देना है। 

सिद्धिविनायक मंदिर की आर्थिक स्थिति लगातार मजबूत
मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार, आने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 में सिद्धिविनायक मंदिर की आय 154 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इसका मतलब है कि सिद्धिविनायक मंदिर की आर्थिक स्थिति लगातार मजबूत हो रही है और ट्रस्ट का भविष्य भी उज्जवल है।

भारत के अन्य प्रमुख मंदिरों की आय
सिद्धिविनायक मंदिर के अलावा, देश में कई और प्रमुख मंदिर हैं जो भारी आय अर्जित करते हैं। इनमें से एक है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTS), जो आंध्र प्रदेश में स्थित है और जिसे देश का सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट माना जाता है। तिरुपति मंदिर की आय कई स्रोतों से होती है, जिसमें भगवान पर चढ़ने वाला चढ़ावा, दर्शन टिकट, प्रसाद की बिक्री और दान पेटी से मिलने वाली राशि शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, तिरुपति मंदिर ट्रस्ट के पास लगभग 11,329 किलो सोना भी है। इसके अलावा, तिरुवनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भी देश के सबसे अमीर मंदिरों में शामिल है। इन मंदिरों की आय में पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। 

मंदिर ट्रस्टों की संपत्ति में वृद्धि
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के दो सबसे बड़े मंदिर ट्रस्टों ने पिछले सात वर्षों में अपनी संपत्ति को दोगुना किया है। उदाहरण के लिए, तिरुपति ट्रस्ट का बजट वित्तीय वर्ष 2017 में 2,678 करोड़ रुपये था, जो 2025 में बढ़कर 5,145 करोड़ रुपये हो जाएगा। इसी तरह, वैष्णो देवी ट्रस्ट की आय भी वित्तीय वर्ष 2017 में 380 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 683 करोड़ रुपये हो गई है। इनमें से 255 करोड़ रुपये चढ़ावे से आए, जो टैक्स-फ्री हैं, और बाकी 133.3 करोड़ रुपये ब्याज से प्राप्त हुए हैं। 

धार्मिक पर्यटन और सामाजिक कार्यों का केंद्र
सिद्धिविनायक मंदिर की आय में लगातार वृद्धि दिखाती है कि लोग इस मंदिर में विश्वास और श्रद्धा से दान करते हैं। यही कारण है कि इस मंदिर को धार्मिक पर्यटन और सामाजिक कार्यों का केंद्र माना जाता है। सिद्धिविनायक मंदिर, जो मुम्बई के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है, भविष्य में और भी अधिक लोकप्रियता और आय की संभावना रखता है।

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