Edited By Parminder Kaur,Updated: 03 Jan, 2025 11:45 AM
भारत में महिलाओं के बीच हिस्टेरेक्टामी (गर्भाशय निकालने का ऑपरेशन) की बढ़ती प्रवृत्ति पर एक अध्ययन ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। देश में लगभग 5 प्रतिशत महिलाओं ने यह ऑपरेशन करवाया है। यह जानकारी वर्ष 2015-16 के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों के...
नेशनल डेस्क. भारत में महिलाओं के बीच हिस्टेरेक्टामी (गर्भाशय निकालने का ऑपरेशन) की बढ़ती प्रवृत्ति पर एक अध्ययन ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। देश में लगभग 5 प्रतिशत महिलाओं ने यह ऑपरेशन करवाया है। यह जानकारी वर्ष 2015-16 के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण से सामने आई है। अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान, मुंबई और राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, नई दिल्ली के शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के चौथे चरण में 25-49 वर्ष की 4.5 लाख से अधिक महिलाओं के आंकड़ों का अध्ययन किया।
हिस्टेरेक्टामी का प्रसार: 25-49 वर्ष की आयु की 4.8 प्रतिशत महिलाओं ने यह सर्जरी कराई है। प्रत्येक 100 में से लगभग 5 महिलाओं ने गर्भाशय निकलवाने का ऑपरेशन करवाया।
मुख्य कारण: मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव सबसे आम समस्या रही।
व्यवसाय के अनुसार जोखिम: कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं में अन्य महिलाओं की तुलना में यह सर्जरी करवाने की संभावना 32 प्रतिशत अधिक पाई गई।
राज्यवार स्थिति: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार में हिस्टेरेक्टामी की दरें सबसे अधिक रहीं। वहीं बिहार, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी इस सर्जरी की उच्च संख्या दर्ज की गई। इसके अलावा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रजनन आयु की महिलाओं के बीच उच्च स्वास्थ्य बीमा कवरेज दर्ज किया गया।
निजी अस्पतालों की भूमिका: देशभर में दो-तिहाई ऑपरेशन निजी क्लीनिक या अस्पतालों में किए गए। यह प्रवृत्ति लाभ कमाने की मंशा का संकेत देती है।