Edited By Pardeep,Updated: 05 Mar, 2025 12:22 AM

वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के द्दष्टिकोण की दिशा में एक ऐतिहासिक विकास में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आज यहां टाटा मोटर्स द्वारा लॉन्च किए...
नेशनल डेस्कः वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के द्दष्टिकोण की दिशा में एक ऐतिहासिक विकास में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आज यहां टाटा मोटर्स द्वारा लॉन्च किए गए हाइड्रोजन-संचालित हेवी-ड्यूटी वाले ट्रकों के पहले परीक्षणों को हरी झंडी दिखाई।
इस अवसर पर गडकरी ने कहा , 'हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है, जिसमें उत्सर्जन को कम करके और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ाकर भारत के परिवहन क्षेत्र को बदलने की अपार क्षमता है। इस तरह की पहल भारी-भरकम ट्रकिंग में टिकाऊ गतिशीलता के लिए संक्रमण को गति प्रदान करेगी और हमें एक कुशल, कम कार्बन वाले भविष्य के करीब ले जाएगी। मैं हाइड्रोजन-संचालित हरित और स्मार्ट परिवहन को सक्षम करने की दिशा में इस महत्वपूर्ण कदम का नेतृत्व करने के लिए टाटा मोटर्स को बधाई देता हूं।'
जोशी ने कहा, ' भारत के टिकाऊ और शून्य कार्बन भविष्य की ओर बढ़ने के लिए हाइड्रोजन एक महत्वपूर्ण ईंधन है। इस परीक्षण की शुरुआत भारत के परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने में हरित हाइड्रोजन की क्षमता को प्रदर्शित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का हिस्सा यह पहल वैश्विक जलवायु लक्ष्यों में योगदान करते हुए नवाचार को बढ़ावा देने और भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मैं इस अग्रणी प्रयास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए टाटा मोटर्स की सराहना करता हूं।'
यह ऐतिहासिक परीक्षण देश में टिकाऊ लंबी दूरी के कार्गो परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि टाटा मोटर्स भारत के व्यापक हरित ऊर्जा लक्ष्यों के साथ संरेखित करते हुए, टिकाऊ गतिशीलता समाधानों में अग्रणी होने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। कंपनी को इस परीक्षण के लिए निविदा प्रदान की गई थी, जिसे राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
यह लंबी दूरी की ढुलाई के लिए हाइड्रोजन चालित वाहनों के उपयोग की वास्तविक दुनिया की व्यावसायिक व्यवहार्यता का आकलन करने के साथ-साथ उनके निर्बाध संचालन के लिए आवश्यक सक्षम बुनियादी ढांचा स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परीक्षण चरण 24 महीने तक चलेगा और इसमें अलग-अलग विन्यास और पेलोड क्षमता वाले 16 उन्नत हाइड्रोजन-संचालित वाहनों की तैनाती शामिल है। नए युग के हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन और ईंधन सेल तकनीकों से लैस इन ट्रकों का परीक्षण भारत के सबसे प्रमुख मालवाहक मार्गों पर किया जाएगा, जिनमें मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर शामिल हैं।
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा, ‘‘टाटा मोटर्स को भारत के हरित, स्मार्ट और संधारणीय परिवहन की दिशा में परिवर्तन लाने में अग्रणी भूमिका निभाने पर बहुत गर्व है। राष्ट्र निर्माण के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता वाली कंपनी के रूप में, हमने भारत के विकास और वृद्धि में योगदान देने वाले परिवहन समाधान विकसित करने के लिए लगातार नवाचार को अपनाया है।
आज, इन हाइड्रोजन ट्रक परीक्षणों की शुरुआत के साथ, हमें लंबी दूरी के परिवहन के लिए स्वच्छ, शून्य उत्सर्जन ऊर्जा में परिवर्तन का बीड़ा उठाकर इस विरासत को आगे बढ़ाने पर गर्व है। इसे संभव बनाने में उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए हम भारत सरकार के आभारी हैं, और हम संधारणीय, भविष्य के लिए तैयार परिवहन समाधान बनाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो बेहतर प्रदर्शन और दक्षता प्रदान करेंगे।''