Edited By Radhika,Updated: 21 Mar, 2025 11:17 AM

बेंगलुरु में RSS की पांचवीं अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में संगठन प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। इस सभा की शुरुआत में RSS ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, तबलावादक ज़ाकिर हुसैन, प्रसिद्ध गायक श्याम बेनेगल, बिबेक देवरॉय, देवेंद्र प्रधान, और कर्नाटक...
नेशनल डेस्क : बेंगलुरु में RSS की पांचवीं अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में संगठन प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। इस सभा की शुरुआत में RSS ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, तबलावादक ज़ाकिर हुसैन, प्रसिद्ध गायक श्याम बेनेगल, बिबेक देवरॉय, देवेंद्र प्रधान, और कर्नाटक के पूर्व सीएम एस एम कृष्णा सहित कई महान शख्सियतों को श्रद्धांजलि दी। इस बैठक के दौरान भारत को मजबूत बनाने और समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान हिंदू प्रतिनिधियों, चिन्मय समूह, और इस्कॉन के प्रमुखों ने भी बैठक में भाग लिया।
RSS के सह-सरकार्यवाह सीआर मुकंदा ने मणिपुर की स्थिति पर अपनी राय दी। उन्होंने बताया कि मणिपुर में शांति स्थापित करने की पूरी कोशिश की गई है। सरकार ने वहां सुधारात्मक कदम उठाए हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 20 महीनों से मणिपुर में जो घाव हैं, उन्हें भरने में अभी समय लगेगा।
<
>
परिसीमन पर राजनीति से प्रेरित बयान-
सीआर मुकंदा ने परिसीमन (delimitation) के मुद्दे पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और गृह मंत्री ने संसद में स्पष्ट किया है कि वर्तमान अनुपात के आधार पर ही परिसीमन किया जाएगा।
भाषा विवाद पर RSS का रुख-
इसके अलावा, सीआर मुकंदा ने देश में चल रहे भाषा विवाद पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि RSS का मानना है कि मातृभाषा सबसे ऊपर है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह आवश्यक नहीं कि सभी को थ्री-लेंग्वेज सिस्टम लागू करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि काम और नौकरी के लिए दूसरी भाषाएं सीखना जरूरी है, लेकिन मातृभाषा की प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।