Edited By Monika Jamwal,Updated: 07 Jul, 2021 10:16 PM
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उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि देने के लिए सुखोई 30 एमकेआई से करगिल में बत्रा हिलटॉप के ऊपर से बुधवार को गुजरे।
जम्मू : उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि देने के लिए सुखोई 30 एमकेआई से करगिल में बत्रा हिलटॉप के ऊपर से बुधवार को गुजरे।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि कैप्टन बत्रा युवा और बहादुर अधिकारी थे जिन्होंने करगिल युद्ध के दौरान च्प्वाइंट 5140ज् को जीतने के बाद च्यह दिल मांगे मोरज् के जरिए संदेश भेजा था जिसके बाद वह राष्ट्र के चहेते और वह भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए आदर्श बन गए थे। उन्होंने बताया कि सात जुलाई 1999 के प्वाइंट 4875 को फतह करने के बाद वह शहीद हो गए थे।
च्प्वाइंट 4875ज् को बत्रा टॉप के नाम से भी जाना जाता है जो नियंत्रण रेखा से सटी एक पहाड़ी का शीर्ष है। इसका नाम परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बत्रा के नाम पर रखा गया है। उत्तरी सेना कमान के रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अभिनव नवनीत ने कहा कि उनके 'बलिदान दिवस' के मौके उनके तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर और अब उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर इन कमांड लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी सुखोई -30 एमकेआई में बत्रा टॉप के ऊपर से गुजरे।
उन्होंने कहा, "भाव एक कमांडिंग ऑफिसर और उनके अधिकारी के बीच स्थायी संबंध का प्रतीक है।" प्रवक्ता के मुताबिक, वीर चक्र से सम्मानित और कारगिल युद्ध के नायक लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने अपने शहीद अधिकारी को आसमान से श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि कैप्टन बत्रा वर्तमान पीढ़ी के अधिकारियों को प्रेरित करते रहेंगे।