Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Dec, 2024 01:29 PM
ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्तराँ ओनर्स एसोसिएशन (एथरोआ) ने कहा है कि पड़ोसी देश में भारतीय ध्वज के अपमान के मद्देनजर उसके सदस्य बांग्लादेशी मेहमानों को भोजन नहीं देंगे। एथरोआ के महासचिव सैकत बंद्योपाध्याय ने कहा कि सोमवार को हुई एक आपातकालीन बैठक में...
नेशनल डेस्क: ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्तराँ ओनर्स एसोसिएशन (एथरोआ) ने कहा है कि पड़ोसी देश में भारतीय ध्वज के अपमान के मद्देनजर उसके सदस्य बांग्लादेशी मेहमानों को भोजन नहीं देंगे। एथरोआ के महासचिव सैकत बंद्योपाध्याय ने कहा कि सोमवार को हुई एक आपातकालीन बैठक में यह निर्णय लिया गया।
हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया
उन्होंने कहा, "हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है और अल्पसंख्यकों को बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के एक वर्ग द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। पहले भी ऐसी घटनाएं होती थीं, लेकिन अब यह सीमा पार कर गई है।" उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति वास्तव में चिंताजनक है। हम विभिन्न उद्देश्यों से त्रिपुरा आने वाले लोगों की सेवा करते हैं। हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे व्यवहार की निंदा करते हैं।"
'बांग्लादेशी मरीजों को नहीं करेंगे इलाज'
इससे पहले, मल्टी-स्पेशलिटी निजी अस्पताल आईएलएस अस्पताल ने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में बांग्लादेश के किसी भी मरीज का इलाज नहीं करने की घोषणा की थी। अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी गौतम हजारिका ने निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘हम अपने अस्पताल में बांग्लादेश के लोगों का इलाज नहीं करने की मांग का पूरा समर्थन करते हैं। अखौरा चेक पोस्ट और आईएलएस अस्पतालों में हमारे हेल्प डेस्क आज से बंद कर दिए गए हैं।
अल्पसंख्यकों पर हमले असम्मानजनक
गौतम हजारिका की टिप्पणी उन लोगों के एक समूह के जवाब में आई है, जिन्होंने अस्पताल में विरोध प्रदर्शन करके मांग की थी कि बांग्लादेशी नागरिकों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान नहीं की जाएं। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांग के समर्थन में बांग्लादेश में भारतीय ध्वज के प्रति अनादर और हिंदुओं के इलाज को लेकर बढ़ती चिंताओं का हवाला दिया था। प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान और अल्पसंख्यकों पर हमले पूरी तरह से असम्मानजनक हैं। कट्टरपंथी छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे हैं कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अनादर कैसे किया जाए।''