Edited By Rahul Rana,Updated: 02 Dec, 2024 04:26 PM
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे सरकार विरोधी कदमों के बीच त्रिपुरा ने बांग्लादेश से 135 करोड़ रुपये का बकाया बिजली बिल चुकाने की मांग की है। यह बकाया NTPC विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NTPC-ETC) द्वारा बांग्लादेश को भारत से बिजली आपूर्ति करने...
नेशनल डेस्क। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे सरकार विरोधी कदमों के बीच त्रिपुरा ने बांग्लादेश से 135 करोड़ रुपये का बकाया बिजली बिल चुकाने की मांग की है। यह बकाया NTPC विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NTPC-ETC) द्वारा बांग्लादेश को भारत से बिजली आपूर्ति करने के समझौते के तहत है। त्रिपुरा के बिजली मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा कि बांग्लादेश अब तक नियमित रूप से भुगतान कर रहा था लेकिन वर्तमान में 135 करोड़ रुपये का बकाया है जिसे चुकाने के लिए बांग्लादेश से अनुरोध किया गया है।
मई में बिजली आपूर्ति पर प्रतिबंध
मंत्री रतन लाल नाथ ने बताया कि त्रिपुरा सरकार बांग्लादेश से प्रत्येक बिजली यूनिट के लिए 6.65 रुपये चार्ज कर रही है जो घरेलू कनेक्शन से मिलने वाली दर से ज्यादा उचित है। हालांकि मई 2024 में त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम लिमिटेड ने बांग्लादेश पावर डेवलेपमेंट बोर्ड को बकाया भुगतान न करने के कारण बिजली आपूर्ति रोक दी थी। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश पिछले एक साल से समय पर भुगतान नहीं कर सका है जिसके कारण बकाया बढ़ता जा रहा है।
बांग्लादेश और त्रिपुरा के बीच समझौता
बांग्लादेश और त्रिपुरा के बीच एक समझौता है जिसके तहत बांग्लादेश को त्रिपुरा से 160 मेगावाट बिजली प्राप्त करने का अधिकार है। इस बिजली व्यापार की निगरानी NTPC विद्युत व्यापार निगम (NTPC-ETC) करता है। त्रिपुरा विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक देबाशीष सरकार ने बताया कि बकाया राशि के संबंध में बांग्लादेश के अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है और व्यक्तिगत रूप से बांग्लादेश विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष से भी मुलाकात की गई थी। इस मामले में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी बात की गई है ताकि जल्द ही समस्या का समाधान हो सके।
त्रिपुरा में भी बिजली की कमी
इस बीच त्रिपुरा सरकार ने बताया कि राज्य में बिजली उत्पादन में 60-70 मेगावाट की कमी हो रही है। अब राज्य को घरेलू बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एक्सचेंज से बिजली खरीदनी पड़ रही है। बिजली संयंत्रों द्वारा पर्याप्त बिजली उत्पादन नहीं किए जाने के कारण यह स्थिति बनी है।