कनाडाई राजनयिकों को निकालने पर भड़के PM टू्डो, कहा- भारत ने ‘बहुत बड़ी गलती कर दी

Edited By Tanuja,Updated: 15 Oct, 2024 05:19 PM

trudeau accuses india of using diplomats crimes to attack canadians

कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) ने भारत पर अपने राजनयिकों और संगठित अपराध...

International Desk:  कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) ने भारत पर अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल कर उसके नागरिकों पर हमला करने तथा उन्हें अपनी ही धरती पर असुरक्षित महसूस कराने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे भारत की ‘‘ बहुत बड़ी गलती'' करार दिया है। ट्रूडो ने ये टिप्पणियां सोमवार को कीं। इसी दिन भारत(India) ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया तथा कनाडा से अपने उच्चायुक्त और ‘‘निशाना बनाए जा रहे'' अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की। सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच से भारतीय राजनयिकों को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने यह कार्रवाई की है।


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कनाडा ने भी छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने की घोषणा की है। भारत ने पिछले साल निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संलिप्तता के कनाडा के आरोपों को दृढ़ता से खारिज किया है। निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित'' संलिप्तता के संदर्भ में पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। कनाडा की सार्वजनिक प्रसारक कनाडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, देश के राष्ट्रीय पुलिस बल रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के प्रमुख ने भारत के संदर्भ में चौंकाने वाले आरोप लगाए कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा में हत्याओं सहित ‘‘व्यापक हिंसा'' में भूमिका निभा रहे हैं और चेतावनी दी थी कि इससे ‘‘देश की सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा'' है।


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इसके कुछ समय बाद ट्रूडो ने सोमवार को पत्रकारों से बात की। ट्रूडो ने आरोप लगाया, ‘‘मेरा मानना ​​है कि भारत ने अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल करके कनाडा के लोगों पर हमला करने, उन्हें अपने घरों में असुरक्षित महसूस कराने और इससे भी बढ़कर हिंसा तथा यहां तक ​​कि हत्या की वारदातों को अंजाम देने का रास्ता चुनकर एक बहुत बड़ी गलती की है। यह अस्वीकार्य है।'' ट्रूडो ने यह भी कहा, ‘‘शुरुआत से ही हम अपने साझेदारों, खासकर अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जहां न्यायेतर हत्या के प्रयास के मामले में भारत का इसी तरह का बर्ताव सामने आया था।'' उन्होंने कहा कि हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे तथा कानून के शासन के लिए एकजुट रहेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अब तक अपने दो करीबी सहयोगियों और साझेदारों के बीच राजनयिक संकट पर कोई बयान नहीं दिया है।


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विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा कि भारत के खिलाफ उग्रवाद, हिंसा और अलगाववाद को ट्रूडो सरकार के समर्थन के जवाब में, भारत आगे कदम उठाने का अधिकार रखता है।'' मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो का भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण रुख लंबे समय से स्पष्ट है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ट्रूडो ने 2018 में भारत की यात्रा की थी जिसका मकसद वोट बैंक को साधना था, लेकिन यह यात्रा उन्हें असहज करने वाली साबित हुई। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं, जो भारत को लेकर चरमपंथी और अलगाववादी एजेंडे से खुले तौर पर जुड़े हुए हैं। दिसंबर 2020 में भारत की आंतरिक राजनीति में उनका स्पष्ट हस्तक्षेप दिखाता है कि वह इस संबंध में कहां तक जाना चाहते थे।'' संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रूडो ने कहा कि स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है।

 

ट्रूडो ने कहा, ‘‘हम सिर्फ यही नहीं चाहते हैं कि कनाडा के लोगों को उनके समुदायों में, उनके घरों में हिंसा का सामना नहीं करना पड़े... हम यह भी चाहते हैं कि भारत के साथ संबंधों में भी तनाव पैदा न हो।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने पिछले सप्ताह अपनी सुरक्षा एजेंसियों, राजनयिकों और पुलिस एजेंसियों के माध्यम से भारत सरकार से संपर्क किया, ताकि इस गहरे मतभेद को दूर करने का रास्ता खोजा जा सके... कनाडावासियों की रक्षा की जा सके... वहीं भारत और कनाडा के बीच के अच्छे संबंध प्रभावित नहीं हों।'' उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, भारत ने ‘‘हमारे साथ काम करने का विकल्प नहीं चुना है। उन्होंने इस (ट्रूडो) सरकार के खिलाफ व्यक्तिगत हमले करने, उसे नकारने और उसे पीछे धकेलने का विकल्प चुना और हमारी एजेंसियों तथा संस्थानों की ईमानदारी पर सवाल उठाया। इसलिए हमें कनाडा के लोगों की सुरक्षा के लिए जवाब देना पड़ा है।''

 

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