Edited By Mahima,Updated: 05 Mar, 2025 09:37 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस में भारत पर 100% टैरिफ लगाने का आरोप लगाया और कहा कि यह अमेरिका के लिए उचित नहीं है। ट्रंप ने 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की घोषणा की, जिसके तहत अमेरिका भी उन देशों पर उतना ही टैरिफ...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी संसद (कांग्रेस) में अपने संबोधन के दौरान भारत का नाम लिया और कहा कि भारत अमेरिका के उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाता है, जो अमेरिका के लिए बिल्कुल उचित नहीं है। उन्होंने इस बात को दोहराया कि यदि कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उसी देश पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अब 2 अप्रैल से अमेरिका "रेसिप्रोकल टैरिफ" (प्रतिस्थानात्मक टैरिफ) नीति लागू करेगा, जिसके तहत अमेरिका भी उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा जितना वे अमेरिका के उत्पादों पर लगाते हैं। इस नीति का उद्देश्य यह है कि अमेरिका को दशकों से असमान व्यापार व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें दूसरे देशों ने अमेरिका के खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल किया है। ट्रंप ने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिका भी अपने उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ का जवाब दे।
राष्ट्रपति ने अपने भाषण में यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों का नाम लिया और कहा कि औसतन ये देश अमेरिका पर टैरिफ लगाते हैं। ट्रंप ने कहा, "क्या आपने इन देशों के बारे में सुना है? इन देशों ने दशकों तक हमसे ज्यादा टैरिफ लिया है, जितना हमने उनसे लिया है। यह बिल्कुल अनुचित है।" इसके बाद, ट्रंप ने एक और बार भारत का नाम लिया और कहा कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लगाता है, जो व्यापारिक दृष्टिकोण से ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका इस असमानता को खत्म करने के लिए कदम उठाएगा और अपनी व्यापार नीति में सुधार करेगा।
ट्रंप ने उदाहरण देते हुए कहा कि चीन के उत्पादों पर औसतन जो टैरिफ अमेरिका द्वारा लगाया जाता है, वह चीन द्वारा अमेरिका पर लगाए गए टैरिफ से दोगुना है। इसी तरह, दक्षिण कोरिया द्वारा अमेरिका पर लगाए गए औसत टैरिफ की दर चार गुना अधिक है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह स्थिति तब भी बनी रही है, जबकि अमेरिका दक्षिण कोरिया को सैन्य और कई अन्य तरीकों से मदद करता है। ट्रंप ने आगे कहा, "हमारे दोस्त और दुश्मन दोनों ही हमें असमान रूप से टैरिफ का सामना कराते हैं, और यह व्यवस्था अमेरिका के लिए कभी उचित नहीं रही।" उन्होंने यह भी कहा कि यह असमान व्यापार नीति अब बदलने की आवश्यकता है, और अमेरिका इस दिशा में कदम उठाएगा।
अपने कमेंट्स को मजेदार बनाते हुए ट्रंप ने कहा कि वे चाहते थे कि रेसिप्रोकल टैरिफ 1 अप्रैल से लागू हो, लेकिन उन्होंने इसे 2 अप्रैल तक के लिए टाल दिया क्योंकि 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे होता है, और वे नहीं चाहते थे कि उनकी घोषणा मजाक बन जाए। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस फैसले से अमेरिका को अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा, लेकिन यह बदलाव अगले महीने से लागू होगा। ट्रंप ने अमेरिकी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वे उन्हें बहुत प्यार करते हैं, लेकिन उन्हें थोड़ी सहनशीलता दिखानी होगी। क्योंकि अमेरिका अब विदेशों से आने वाले कृषि उत्पादों पर टैरिफ लगाने जा रहा है, जिससे वे महंगे हो सकते हैं। हालांकि, यह कदम लंबे समय में अमेरिकी उत्पादकों को संरक्षण देने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
टैरिफ क्या है?
टैरिफ एक प्रकार का कर (tax) होता है, जो किसी सरकार द्वारा आयात (import) या निर्यात (export) होने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू उद्योगों को संरक्षण देना, राजस्व जुटाना और व्यापार संतुलन बनाए रखना होता है। अमेरिका के संदर्भ में, यदि भारत अमेरिकी सेब पर 100 रुपये प्रति किलो टैरिफ लगाता है, तो सेब की कीमत 200 रुपये प्रति किलो हो जाती है। इससे अमेरिकी उत्पाद भारत में महंगे हो जाते हैं, और उनके खरीदार कम हो सकते हैं। इस प्रकार, टैरिफ लगाने से अमेरिकी उत्पादों की मांग घट सकती है, लेकिन यह कदम घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने के लिए उठाया जाता है।