Edited By Mahima,Updated: 26 Mar, 2025 10:16 AM
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें मतदाताओं को नागरिकता प्रमाण दिखाने, डाक मतपत्रों की गिनती की समयसीमा तय करने और विदेशी दान पर प्रतिबंध लगाने की बातें की गई हैं। इसके अतिरिक्त,...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में बड़े बदलाव की मांग की। इस आदेश में चुनावों की सुरक्षा को मजबूत करने, नागरिकता की पुष्टि करने और डाक मतपत्रों की गिनती प्रक्रिया में सुधार करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए गए हैं। साथ ही, विदेशी नागरिकों के चुनावों में दान करने पर भी रोक लगाई गई है। ट्रंप ने अपने आदेश में अन्य देशों के उदाहरणों का हवाला देते हुए, अमेरिका के चुनावी प्रणाली को सुधारने की आवश्यकता जताई।
नागरिकता प्रमाण की आवश्यकता
ट्रंप के आदेश में संघीय मतदाता पंजीकरण फॉर्म में बदलाव की बात की गई है। इसके तहत, भविष्य के मतदाताओं को नागरिकता का दस्तावेजी प्रमाण जैसे कि अमेरिकी पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल अमेरिकी नागरिक ही वोट डाल सकें। इसके अलावा, राज्यों को अपनी मतदाता सूची और मतदाता सूची रखरखाव के रिकॉर्ड को गृह सुरक्षा विभाग और सरकारी दक्षता विभाग को सौंपने का निर्देश भी दिया गया है, ताकि गैर-नागरिकों की पहचान की जा सके।
अमेरिकी राज्य बिना डाक टिकट वाले मतपत्रों को भी स्वीकार
ट्रंप के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चुनाव के दिन तक मतपत्रों को डाला और प्राप्त किया जाना चाहिए। डाक मतपत्रों की गिनती में जो प्रक्रिया अपनाई जाती है, उसमें कई बार मतपत्रों को चुनाव के दिन बाद भी स्वीकार किया जाता है, चाहे उनका पोस्टमार्क चुनाव के दिन का न हो। ट्रंप ने यह मांग की है कि केवल उन डाक मतपत्रों की गिनती की जाए, जो चुनाव के दिन या उससे पहले पोस्टमार्क किए गए हों। इसके अलावा, कई अमेरिकी राज्य बिना डाक टिकट वाले मतपत्रों को भी स्वीकार करते हैं, जो चुनावी सुरक्षा के लिहाज से उचित नहीं माना जाता है। उन्होंने ऐसे मतपत्रों की गिनती पर भी रोक लगाने की बात की।
चुनाव की अखंडता पर उठ सकते हैं सवाल
कार्यकारी आदेश में चुनाव सहायता आयोग को मतदान प्रणालियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया गया है। इनमें यह निर्देश दिया गया कि मतदान प्रणालियाँ बारकोड या क्यूआर कोड जैसे तकनीकी प्रणालियों पर निर्भर नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे चुनाव की अखंडता पर सवाल उठ सकते हैं। आयोग को छह महीने के भीतर नए मानकों के तहत मतदान प्रणालियों की समीक्षा करने और यदि आवश्यक हो, तो उन्हें फिर से प्रमाणित करने का आदेश दिया गया।
अमेरिकी चुनावों में दान देने या योगदान करने के कानून
ट्रंप के आदेश में यह भी कहा गया कि विदेशी नागरिकों और गैर-सरकारी संगठनों ने अमेरिकी चुनावों में दान देने या योगदान करने के कानून की खामियों का फायदा उठाया है। इस तरह के विदेशी हस्तक्षेप को रोकने के लिए, ट्रंप ने विदेशी नागरिकों को अमेरिकी चुनावों में योगदान देने से प्रतिबंधित किया। उनका कहना था कि इस प्रकार का विदेशी दखल अमेरिकी नागरिकों के मतदान अधिकार को कमजोर करता है।
भारत, ब्राजील, जर्मनी और कनाडा जैसे देशों का उदाहरण
ट्रंप ने अपने आदेश में भारत, ब्राजील, जर्मनी और कनाडा जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये देश अपनी चुनावी प्रणाली में बायोमेट्रिक पहचान, कागजी मतपत्रों की गिनती, और मतदाता पहचान के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि अमेरिका इस मामले में बहुत पीछे है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी चुनावों में अक्सर सुरक्षा की कमी होती है और चुनाव प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
स्वतंत्र, निष्पक्ष और ईमानदार चुनाव
ट्रंप ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और ईमानदार चुनाव अमेरिका के संविधानिक गणराज्य को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी नागरिकों का यह अधिकार है कि उनके वोटों की सही तरीके से गिनती हो, बिना किसी धोखाधड़ी या गलतफहमी के।
चुनाव सुरक्षा में सुधार के लिए कदम
ट्रंप ने कहा कि यह कदम अमेरिकी चुनावों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं, ताकि चुनावों में ईमानदारी बनी रहे और जनता का विश्वास बना रहे। उनका मानना है कि इस प्रकार के सुधार अमेरिकी लोकतंत्र को और मजबूत करेंगे और चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित बनाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप का यह आदेश अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके माध्यम से नागरिकता की पुष्टि, डाक मतपत्रों की गिनती की प्रक्रिया, और विदेशी हस्तक्षेप पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। ट्रंप का यह निर्णय चुनावों की सुरक्षा बढ़ाने और अमेरिकियों के मताधिकार को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।