Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 19 Feb, 2025 04:54 PM
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारतीय कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस बार उन्होंने फार्मा सेक्टर के आयात पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का इशारा किया है, जिसके कारण भारतीय दवा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इस फैसले...
इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारतीय कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस बार उन्होंने फार्मा सेक्टर के आयात पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का इशारा किया है, जिसके कारण भारतीय दवा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इस फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को दवा कंपनियों के शेयरों में बेचैनी देखी गई, जिससे निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ गई।
क्या है डोनाल्ड ट्रंप का नया प्लान?
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका कुछ महत्वपूर्ण उत्पादों, जिनमें ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और फार्मा उत्पाद भी शामिल हैं, पर 25 फीसदी तक टैरिफ लगा सकता है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि यह टैरिफ किन देशों पर लागू होगा, लेकिन इसका असर भारतीय कंपनियों पर साफ देखा जा सकता है। विशेष रूप से फार्मा कंपनियों के लिए यह बुरी खबर साबित हो रही है क्योंकि अमेरिका में इन कंपनियों का बड़ा कारोबार है।
फार्मा कंपनियों के शेयरों में गिरावट
अमेरिका के इस फैसले के बाद भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। प्रमुख फार्मा कंपनियों जैसे कि Dr. Reddy's, Zydus Life Sciences, Aurobindo Pharma, और Lupin के शेयरों में तगड़ी गिरावट देखी गई।
- Dr. Reddy's के शेयर करीब 5 फीसदी गिरकर ₹1127 तक पहुंच गए।
- Zydus Lifesciences का शेयर ₹890 से गिरकर ₹855 हो गया।
- Aurobindo Pharma के शेयरों में 7 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई।
- Lupin के शेयर ₹1950 से ₹1892 तक आ गए।
क्या है फार्मा सेक्टर का महत्व?
भारत में फार्मा सेक्टर को खास महत्व प्राप्त है क्योंकि भारतीय कंपनियां अमेरिका को बड़ी मात्रा में जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करती हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा की लागत को कम करने में भारतीय दवाओं का अहम योगदान है। भारत लगभग 60 प्रतिशत जेनेरिक दवाएं अमेरिका को निर्यात करता है, जिससे अमेरिका में स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती हो पाती हैं।
यदि इस टैरिफ को लागू किया जाता है, तो इन दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे भारतीय कंपनियों की बिक्री प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, अगर यह 25 फीसदी का टैरिफ लागू होता है, तो फार्मा कंपनियों के लिए अमेरिका में व्यापार करना कठिन हो सकता है।
निवेशकों के लिए चिंता की बात
भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। निवेशकों को अब यह चिंता है कि क्या अमेरिकी सरकार के फैसले से इन कंपनियों की आय प्रभावित होगी और क्या उनके शेयरों की कीमत में और गिरावट आएगी। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह टैरिफ कब लागू होगा, लेकिन निवेशक पहले से ही सतर्क हो गए हैं।