Edited By Mahima,Updated: 05 Mar, 2025 09:13 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैक्स लागू करने की घोषणा की, जिसके तहत अगर भारत, चीन, कनाडा और मेक्सिको जैसे देश अमेरिका पर अधिक टैक्स लगाते हैं, तो अमेरिका भी उन पर वही टैक्स लगाएगा। ट्रंप का कहना था कि ये देशों ने दशकों...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले संयुक्त सत्र में संसद को संबोधित किया। इस संबोधन में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए, जिनमें विदेशी व्यापार नीति, फ्री स्पीच और टैरिफ पर उनका नजरिया शामिल था। ट्रंप ने विशेष रूप से भारत, चीन, कनाडा और मेक्सिको का जिक्र किया और इन देशों द्वारा अमेरिका पर लगाए जा रहे उच्च टैरिफ को लेकर आलोचना की।
ट्रंप ने कहा, "भारत, चीन, कनाडा, मेक्सिको, ब्राजील और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने दशकों से हमारे खिलाफ बहुत ज्यादा टैरिफ लगाया है।" उन्होंने आरोप लगाया कि ये देशों अमेरिका पर अनुचित टैक्स लगाते हैं, जबकि अमेरिका इन देशों से बहुत कम टैरिफ लेता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत हमसे 100 प्रतिशत टैरिफ वसूलता है, जो उनके अनुसार "अत्यधिक और अनुचित" है। उनका मानना है कि यह व्यापारिक असंतुलन अमेरिका के पक्ष में नहीं है, और इसे ठीक करना बेहद जरूरी है।
ट्रंप ने घोषणा की कि 2 अप्रैल से अमेरिका इन देशों पर रेसिप्रोकल टैक्स (पारस्परिक टैक्स) लागू करेगा। इस नीति के तहत, अगर कोई देश अमेरिका पर ज्यादा टैक्स लगाता है, तो अमेरिका भी उसी देश पर वही टैक्स लगाएगा। उदाहरण के तौर पर, यदि भारत या चीन अमेरिका से अधिक शुल्क वसूलते हैं, तो अमेरिका भी उन देशों पर वही शुल्क लगाएगा। ट्रंप का कहना था, "यह सिस्टम अमेरिका के लिए कभी भी उचित नहीं था, और अब हमारी बारी है कि हम इन देशों के खिलाफ उसी तरह के कदम उठाएं।" उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को फिर से अमीर बनाने के लिए टैरिफ नीति को सख्त किया जाएगा।
ट्रंप ने आगे यह बताया कि यदि अन्य देश, जैसे भारत या चीन, अमेरिका को अपने बाजार से बाहर रखने के लिए गैर-मौद्रिक टैरिफ (नॉन-मोनिटरी टैरिफ) लागू करते हैं, तो अमेरिका भी उन्हें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए ऐसे ही टैरिफ लागू करेगा। ट्रंप ने इसे एक “साहसिक कदम” बताया और कहा कि उनका प्रशासन अमेरिका की जरूरतों के अनुसार बदलाव लाने के लिए काम कर रहा है। ट्रंप ने अपने प्रशासन के पहले 43 दिनों का हवाला देते हुए कहा, "हमने इतने कम समय में वह काम किया है, जो कई सरकारें अपने 4 या 8 साल के कार्यकाल में भी नहीं कर पाई हैं।" उन्होंने यह दावा किया कि उनकी सरकार ने कई जरूरी पर्यावरणीय प्रतिबंधों को समाप्त किया है, जिनसे अमेरिका कम सुरक्षित और अप्रभावी बन रहा था।
इसके अलावा, ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन पर भी तंज कसा और उन्हें "इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति" बताया। ट्रंप ने कहा कि बाइडेन की नीतियों से अमेरिका को काफी नुकसान हो रहा है, और उनके नेतृत्व में देश की स्थिति और भी खराब हो सकती है।
दूसरे देश अमेरिका से ज्यादा टैरिफ लेते हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई बार अपनी विदेश नीति को लेकर स्पष्ट रुख अपनाया है। उनके अनुसार, अगर दूसरे देश अमेरिका से ज्यादा टैरिफ लेते हैं, तो अमेरिका भी उनका वही जवाब देगा। उनका मानना है कि अन्य देशों के साथ व्यापारिक असंतुलन को सुधारने के लिए यह जरूरी कदम है, और इससे अमेरिका के आर्थिक फायदे को बढ़ावा मिलेगा। ट्रंप के इस कदम से भारत, चीन, कनाडा, और मेक्सिको जैसे देशों के साथ व्यापारिक संबंधों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन उनका कहना है कि यह अमेरिका के लिए आवश्यक है।
इन देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ बहुत अधिक
भारत और चीन, दोनों ही देश अमेरिकी व्यापार नीति में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ट्रंप ने इन दोनों देशों का नाम लेते हुए कहा कि इन देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ बहुत अधिक हैं और यह अमेरिका के लिए पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाने को तैयार है। अंत में, ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी देश से दुश्मनी करना नहीं है, बल्कि अमेरिका के व्यापारिक हितों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अमेरिका को मजबूत बनाएगा और अंततः वैश्विक व्यापार में अमेरिकी व्यापारियों को बेहतर अवसर मिलेगा।