Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Nov, 2024 04:17 PM
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "TTD बोर्ड (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) के 24 सदस्यों में से एक भी सदस्य गैर-हिंदू नहीं है। अगर मुस्लिम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के ट्रस्टी नहीं हो सकते तो वक्फ बोर्ड में कोई गैर-मुस्लिम कैसे हो सकता है?
नेशनल डेस्क: एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने शनिवार को मोदी सरकार के प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक की आलोचना की और केंद्रीय वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करने पर सवाल उठाया। ओवैसी ने सवाल किया कि अगर मुस्लिम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के ट्रस्टी नहीं हो सकते तो वक्फ बोर्ड में कोई गैर-मुस्लिम कैसे हो सकता है?
वक्फ बिल में यह प्रावधान क्यों ला रहे हैं- ओवैसी
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "TTD बोर्ड (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) के 24 सदस्यों में से एक भी सदस्य गैर-हिंदू नहीं है। TTD के नए चेयरमैन का कहना है कि वहां काम करने वाले लोग हिंदू होने चाहिए। हम इसके खिलाफ नहीं हैं, हमें बस इस बात पर आपत्ति है कि नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ के प्रस्तावित बिल में कह रही है कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों का होना अनिवार्य कर दिया गया है। आप वक्फ बिल में यह प्रावधान क्यों ला रहे हैं? टीटीडी हिंदू धर्म का बोर्ड है और वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्म का। समानता होनी चाहिए...जब टीटीडी के ट्रस्टी मुस्लिम नहीं हो सकते, तो वक्फ बोर्ड में कोई गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकता है?"
उनकी टिप्पणी तब आई जब नवनियुक्त तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के अध्यक्ष बीआर नायडू ने गुरुवार को कहा कि वह तिरुमाला में काम करने वाले अन्य धर्मों के कर्मचारियों के बारे में सरकार के साथ चर्चा को प्राथमिकता देंगे, इस बात पर विचार करेंगे कि उन्हें अन्य विभागों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जानी चाहिए।
बीआर नायडू का बयान
उन्होंने कहा, "हम अक्सर तिरुमाला जाते थे। मैं चंद्रबाबू नायडू और एनडीए नेताओं को मुझे नियुक्त करने के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं इसे अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ मानता हूं। पिछली सरकार ने वहां बहुत सारी गलतियां कीं। मैं 5 साल में एक बार भी तिरुमाला नहीं गया क्योंकि मुझे लगा कि इसकी पवित्रता नहीं है। मेरा इरादा सिर्फ वहां काम करने का है, किसी चीज को हासिल करने के इरादे से नहीं। मैं सरकार से तिरुमाला में काम कर रहे दूसरे धर्मों के लोगों के बारे में बात करूंगा, चाहे उन्हें दूसरे विभागों में भेजा जाए या उन्हें वीआरएस दिया जाए।"
वक्फ बोर्ड पर क्या आरोप लगे?
वक्फ अधिनियम, 1995, जिसे वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बनाया गया था, पर लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोप लगे हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, जिसे इस अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, व्यापक सुधार लाने, डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्ज़े वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र लाने का प्रयास करता है।
समिति पांच शहरों में करेगी दौरा
लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को घोषणा की कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त समिति पांच भारतीय शहरों में एक अध्ययन दौरा करेगी। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की जांच के तहत समिति 9 नवंबर से 14 नवंबर तक गुवाहाटी, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना और लखनऊ का दौरा करेगी।