Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Sep, 2024 11:31 AM
दुनिया के छोटे देशों में शुमार Tuvalu डूबने की कगार पर है। दरअसल, वैश्विक जलवायु परिवर्तन ( Global Climate Change) के कारण समुद्र का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे तुवालु का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। बता दें कि तुवालु प्रशांत महासागर में स्थित...
नेशनल डेस्क: दुनिया के छोटे देशों में शुमार Tuvalu डूबने की कगार पर है। दरअसल, वैश्विक जलवायु परिवर्तन ( Global Climate Change) के कारण समुद्र का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे तुवालु का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। बता दें कि तुवालु प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीप देश है, जिसमें केवल 11,000 से अधिक लोग रहते हैं। यह देश नौ छोटे-छोटे रिंग शेप द्वीपों (एटॉल) में बसा है। तुवालु की औसत ऊंचाई समुद्र तल से सिर्फ 2 मीटर (6.56 फीट) है, जिससे यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए अत्यंत संवेदनशील है।
'2050 तक तुवालु के फुनाफुटी द्वीप का आधा हिस्सा हो जाएगा जलमग्न'
वैश्विक जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे तुवालु का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। पिछले तीन दशकों में यहां समुद्र का स्तर 15 सेंटीमीटर (लगभग 6 इंच) बढ़ चुका है, जो वैश्विक औसत से डेढ़ गुना अधिक है। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार, 2050 तक तुवालु के फुनाफुटी द्वीप का आधा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा, जहां तुवालु की 60% आबादी निवास करती है।
बच्चों को जन्म देने से बचने लगे हैं लोग
एक रिपोर्ट के अनुसार, फुकानोई लाफाई, जो तुवालु में रह रही हैं, परिवार बसाने की इच्छा रखती हैं, लेकिन बढ़ते जलस्तर के कारण उन्हें इस पर विचार करने में कठिनाई हो रही है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जब उनके बच्चे बड़े होंगे, तब तक उनका देश अधिकांशतः जलमग्न हो चुका होगा। ऐसे में तुवालु के लोग बच्चों को जन्म देने से बचने लगे हैं। वहीं, तुवालु के लोग सब्जियां उगाने के लिए रेन वाटर टैंक और ऊंचाई पर बनाए गए बागों पर निर्भर हैं। खारे पानी की बाढ़ ने ग्राउंड वॉटर को बर्बाद कर दिया है, जिससे खाद्य उत्पादन में कमी आ रही है।
हर साल तुवालु के 280 नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया में बसने का अवसर
तुवालु ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए 2023 में ऑस्ट्रेलिया के साथ एक ऐतिहासिक जलवायु और सुरक्षा संधि की घोषणा की। इसके अनुसार, 2024 से हर साल तुवालु के 280 नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया में बसने का अवसर दिया जाएगा। तुवालु का अस्तित्व जलवायु परिवर्तन के कारण खतरे में है और इसकी स्थिति दुनिया भर के छोटे द्वीप देशों के लिए चेतावनी का संकेत है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सक्रिय कदम उठाना आवश्यक है ताकि इन देशों के लोगों को सुरक्षित और स्थायी जीवन जीने का अवसर मिल सके।