Edited By Mahima,Updated: 03 Oct, 2024 10:35 AM
भारत में बढ़ते वर्कलोड के चलते आत्महत्या और हार्ट अटैक के मामलों में इजाफा हो रहा है। हाल ही में, झांसी में बजाज फाइनेंस के 42 वर्षीय एरिया मैनेजर तरुण सक्सेना ने वर्कलोड के कारण आत्महत्या की, जबकि मुंबई में बैंक के मैनेजर सुशांत चक्रवर्ती ने अटल...
नेशनल डेस्क: देश में वर्कलोड से कर्मचारियों की आत्महत्या और हार्ट अटैक से मौत के मामलों में इजाफा होता जा रहा है। हाल ही में दो ऐसे मामले सामने आए हैं जब दो कर्मचारियों ने वर्कलोड के कारण आत्महत्या कर ली। इनमें एक मामला उत्तर प्रदेश के झांसी का है जहां पर बजाज फाइनेंस में एरिया मैनेजर के पद पर कार्यरत 42 वर्षीय व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली, जबकि दूसरे मामले में महाराष्ट्र की राजधानी से मुंबई में अटल सेतु से एक व्यक्ति ने समुद्र में छलांग लगा दी। ये शख्स मुंबई के पब्लिक सेक्टर के एक बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत था। इस शख्स की पत्नी ने बैंक पर पति की मृत्यु का कारण वर्कलोड बताया।
वर्कलोड से 60 फीसदी भारतीय परेशान, 2 लाख ने गवाई जान
एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में मैककिंसे ने 30 देशों का एक सर्वे किया था जिसमें कहा गया था कि भारत में वर्कलोड के चलते 60 प्रतिशत लोग अत्यधिक थका हुआ और चिंतित महसूस करते हैं। वहीं 2019 के एक सर्वे में मुंबई को दुनिया का सबसे अधिक मेहनत करने वाला शहर बताया गया था। इसमें यह भी बताया गया था कि साल 2018 में भारतीयों को दुनिया में सबसे कम छुट्टियां मिलीं थी।
एक अन्य रिपोर्ट में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आई.एल.ओ.) के हवाले से कहा गया है कि भारत में एक साल में 2 लाख से अधिक लोगों ने वर्कलोड के चलते अपनी जान गंवाई है। इसमें कहा गया है कि ओवरवर्क के चलते लोग अधिक तनाव में रहते हैं। तनाव में रहने वाले लोगों को कई सारी गंभीर बीमारियों का खतरा अधिक रहता है।
कमरे में मृत पाया गया बजाज फाइनेंस में एरिया मैनेजर
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के झांसी में बजाज फाइनेंस में एरिया मैनेजर के पद पर कार्यरत 42 वर्षीय तरुण सक्सेना ने सुसाइड नोट में कहा कि पिछले दो महीनों से उनके वरिष्ठ अधिकारी उन पर टारगेट पूरा करने का दबाव बना रहे थे और वेतन कटौती की धमकी दे रहे थे। बजाज फाइनेंस ने अभी तक आरोपों का जवाब नहीं दिया है। उसने अपनी पत्नी और दो बच्चों को दूसरे कमरे में बंद कर दिया था, जिसके बाद वह मृत पाया गया। उसके परिवार में माता-पिता, पत्नी मेघा और बच्चे यथार्थ और पीहू हैं।
सुसाइड नोट में लिखा, 45 दिनों से सोया नहीं हूं
अपनी पत्नी को संबोधित पांच पन्नों के पत्र में तरुण ने लिखा है कि वह बहुत तनाव में था क्योंकि वह अपनी पूरी कोशिश करने के बावजूद लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा था। तरुण को अपने क्षेत्र से बजाज फाइनेंस के ऋणों की ईएमआई वसूलने का काम सौंपा गया था, लेकिन कई मुद्दों के कारण वह लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा था।
तरुण ने कहा कि उन्हें और उनके सहकर्मियों को उन ईएमआई का भुगतान करना पड़ा जो वे अपने क्षेत्र से वसूल नहीं कर पाए थे। उन्होंने लिखा कि उन्होंने अपने वरिष्ठों के समक्ष वसूली में आने वाली समस्याओं को बार-बार उठाया, लेकिन वे उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। मैं 45 दिनों से सोया नहीं हूँ। मैंने मुश्किल से कुछ खाया है। मैं बहुत तनाव में हूँ। वरिष्ठ प्रबंधक मुझ पर किसी भी कीमत पर लक्ष्य पूरा करने या नौकरी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं।
अटल सेतू पर खड़ी की कार, फिर बैंक मनेजर ने समुद्र में लगा दी छलांग
दूसरे मामले में महाराष्ट्र की राजधानी से मुंबई में पब्लिक सेक्टर के बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत सुशांत चक्रवर्ती अपनी कार से अटल सेतु आया था। कार को साइड में लगाने के बाद वह पुल से नीचे कूद गया। पुलिस ने गाड़ी की नंबर प्लेट और कार की तलाशी ली, तब उन्हें युवक का नाम और पता मिला। पुलिस ने बताया कि व्यक्ति अपनी पत्नी, सात साल की बेटी और सास से साथ किराए के मकान में रहता था। पुलिस ने व्यक्ति की पहचान जानने के बाद पुलिस की एक टीम को उसके घर भेजा ताकि घटना के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा सके। अटल सेतु से समुद्र में छलांग लगाने वाले सुशांत चक्रवर्ती की पत्नी को पुलिस स्टेशन बुलाया गया, जहां उन्होंने हैरान कर देने वाला खुलासा किया।
सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर रोहित खोते ने बताया कि महिला ने पूछताछ के दौरान बताया कि पति पर काम का दबाव बहुत था। यही कारण है कि वह अक्सर टेंशन में रहते थे। अधिकारी ने बताया कि उनका परिवार वीकेंड पर लोनावला घूमने गया था। सोमवार को वह घर से ऑफिस जाने के निकला था। लेकिन ऑफिस की बजाए वह अटल सेतु पर गया और वहां से समुद्र में कूद गया। पुलिस की टीम चक्रवर्ती का पता लगाने की सुबह से ही कोशिश कर रही है। लेकिन शाम को अभियान को अंधेरा होने के कारण रोकना पड़ा।