Edited By Tanuja,Updated: 04 Mar, 2025 03:47 PM

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भारतीय नागरिक शहजादी खान को फांसी दे दी गई। उनका अंतिम संस्कार कल, 5 मार्च को अबू धाबी में किया जाएगा। यूएई ने भारत को अंधेरे में रखा ...
International Desk: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भारतीय नागरिक शहजादी खान को फांसी दे दी गई। उनका अंतिम संस्कार कल, 5 मार्च को अबू धाबी में किया जाएगा। यूएई ने भारत को अंधेरे में रखा और शहजादी को फांसी के 12 दिन बाद दूतावास को सूचित किया। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका के जवाब में केंद्र सरकार ने यह जानकारी दी। उनके पिता शब्बीर खान अपनी बेटी को बचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे थे। हालांकि, उनकी यह लड़ाई सफल नहीं हो सकी और अब उनकी बेटी का शव भी भारत नहीं आ सकेगा।
कौन थीं शहजादी खान?
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली शहजादी खान की जिंदगी संघर्षों से भरी रही। मात्र 8 साल की उम्र में रसोई में गर्म पानी से उनका चेहरा बुरी तरह झुलस गया था। इस हादसे के बाद उन्होंने संकल्प लिया कि वह इतना पैसा कमाएंगी कि अपनी प्लास्टिक सर्जरी करवा सकें और समाज में सम्मान पा सकें। इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने UAE जाने का फैसला किया लेकिन वहां उनके साथ जो हुआ, वह किसी भयावह सच्चाई से कम नहीं था।
भरोसे का झूठा सौदागर उजैर
रिपोर्ट्स के मुताबिक 2020 में शहजादी की पहचान आगरा के उजैर से हुई । उजैर ने उन्हें प्यार और भरोसे का झांसा दिया। उसने यह भी भरोसा दिलाया कि वह झुलसे चेहरे के साथ भी उन्हें अपनाएगा। इसी विश्वास में शहजादी उसकी बातों में आ गईं। उजैर ने उन्हें अपनी फूफी नाजिया के घर जॉब का ऑफर दिया जो अबू धाबी की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं। बेहतर कमाई और अपने सपनों को पूरा करने की उम्मीद में शहजादी दिसंबर 2021 में UAE पहुंच गईं । लेकिन यह उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित हुई और उजैर ने उन्हें एक बेहतर भविष्य के बजाए मौत के मुंह में धकेल दिया ।
कैसे फंसी शहजादी?
यूएई पहुंचने के बाद, शहजादी नाजिया के घर में घरेलू सहायक के रूप में काम करने लगीं। धीरे-धीरे नाजिया का रवैया बदलने लगा और शहजादी पर पाबंदियां बढ़ती गईं । जल्द ही उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया जिससे वह कहीं और नौकरी भी नहीं कर सकती थीं। अगस्त 2022 में नाजिया के घर एक बच्चा हुआ जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी शहजादी को दी गई। लेकिन 7 दिसंबर को नियमित टीकाकरण के बाद अचानक बच्चे की मौत हो गई । इसके बाद हत्या का आरोप शहजादी पर लगा दिया गया ।
फांसी की सजा
बच्चे की मौत के बाद शहजादी को अबू धाबी की अल वथवा जेल में डाल दिया गया । उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने बच्चे की हत्या की है। दबाव और धमकियों के बीच उनसे एक वीडियो बयान भी लिया गया जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने ही बच्चे को मारा है । परिवार का दावा है कि यह बयान जबरन लिया गया था । डेढ़ साल पहले फोन पर हुई बातचीत में शहजादी ने घरवालों को बताया था कि उन्हें धमकी देकर यह कबूलनामा करने पर मजबूर किया गया ।
बचाने में नाकाम रहा बेचारा पिता
शहजादी के पिता शब्बीर खान ने बेटी की फांसी रुकवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन उनके पास न तो राजनीतिक पहुंच थी और न ही इतनी आर्थिक ताकत कि अपनी बेटी को बचा सकते। अबशहजादी खान का शव भी भारत नहीं लाया जा सकेगा । उनका शव कल 5 मार्च को अबू धाबी में दफनकिया जाएगा ।