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Uttarakhand में आज से लागू होगा UCC, शादी रजिस्ट्रेशन और लिव इन पर सख्त नियम, जानें खास बातें

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 27 Jan, 2025 08:43 AM

ucc will be implemented in uttarakhand from today

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि प्रदेश में आज से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी जाएगी। इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां यह कानून प्रभावी हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यूसीसी लागू करने...

नेशनल डेस्क। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि प्रदेश में आज से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी जाएगी। इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां यह कानून प्रभावी हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यूसीसी लागू करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसमें अधिनियम की नियमावली को मंजूरी देना और अधिकारियों की ट्रेनिंग शामिल है।

यूसीसी क्या है और इसके उद्देश्य

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का उद्देश्य समाज में एकरूपता लाना है। इसके जरिए सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व तय किए जाएंगे। यूसीसी जाति, धर्म, लिंग या अन्य किसी आधार पर भेदभाव खत्म करके नागरिकों के व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, तलाक, संपत्ति उत्तराधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप को एकसमान कानूनों के तहत लाएगा।

यूसीसी की प्रक्रिया और मंजूरी

➤ 2022 चुनावी वादा: 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था।
➤ विशेषज्ञ समिति का गठन: मार्च 2022 में पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके बाद 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की गई।
➤ रिपोर्ट तैयार: समिति ने डेढ़ साल तक विभिन्न वर्गों और समुदायों से बातचीत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी गई।
➤ विधानसभा और राष्ट्रपति की मंजूरी: 7 फरवरी 2024 को विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पारित हुआ। इसके बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी।

यूसीसी में क्या बदलाव होंगे?

➤ विवाह और तलाक: सभी धर्मों के लिए शादी की उम्र, तलाक के आधार और प्रक्रियाएं समान होंगी।
➤ बहुविवाह और हलाला पर रोक: यूसीसी के तहत बहुविवाह और हलाला जैसे प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है।
➤ उत्तराधिकार: संपत्ति के उत्तराधिकार में भी समान नियम लागू होंगे।
➤ लिव-इन रिलेशनशिप: लिव-इन रिलेशनशिप को भी रेगुलेट किया जाएगा।

अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बनेगा उत्तराखंड

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद असम सहित कई राज्यों ने इसे एक मॉडल के रूप में अपनाने की इच्छा जताई है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य राज्य के लोगों के लिए बेहतर और समान अधिकार सुनिश्चित करना है। इस कानून से समाज में समानता बढ़ेगी और यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है जो देश के अन्य हिस्सों को भी प्रेरित कर सकता है।

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