Edited By Yaspal,Updated: 05 Sep, 2024 05:01 PM
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के सांगली जिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जनसभा में शामिल नहीं हुए। गांधी ने सांगली में जनसभा को संबोधित किया और महाराष्ट्र के दिवंगत मंत्री पतंगराव कदम की आदमकद प्रतिमा का...
मुंबईः शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के सांगली जिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जनसभा में शामिल नहीं हुए। गांधी ने सांगली में जनसभा को संबोधित किया और महाराष्ट्र के दिवंगत मंत्री पतंगराव कदम की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी महाराष्ट्र के एक दिवसीय दौरे पर हैं। इससे पहले दिन में गांधी ने नांदेड में दिवंगत सांसद वसंत चव्हाण के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सांगली आए, जहां उन्होंने वांगी में पतंगराव कदम की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। राहुल गांधी दिवंगत नेता को समर्पित एक संग्रहालय भी गए। इसके बाद उन्होंने सांगली में एक जनसभा को संबोधित किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार, इसकी राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल और राज्य से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस मौके पर मौजूद थे। उद्धव ठाकरे हालांकि जनसभा में मौजूद नहीं थे। इस मौके पर शिवसेना (यूबीटी) का कोई अन्य नेता मौजूद नहीं था। पिछले सप्ताह कदम के पुत्र एवं विधायक विश्वजीत कदम ने कहा था कि ठाकरे ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण इसमें शामिल होने की पुष्टि नहीं की है।
महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) का हिस्सा हैं। ठाकरे का जनसभा में शामिल नहीं होना इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार को कांग्रेस के बागी विशाल पाटिल ने सांगली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में हरा दिया था। ठाकरे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले एमवीए की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की जाए, लेकिन शरद पवार और कांग्रेस इस पर एकमत नहीं हैं।
पवार ने बुधवार को कहा था कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि एमवीए की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार इस आधार पर तय किया जाएगा कि कौन सी पार्टी सबसे अधिक विधानसभा सीट जीतती है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने हालांकि कहा है कि मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर कोई खींचतान नहीं है।