Edited By Tanuja,Updated: 04 Jul, 2024 01:23 PM
ब्रिटेन में बृहस्पतिवार को आम चुनाव हो रहे हैं जिसमें प्रधानमंत्री एवं कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक के राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा। इन चुनाव में...
लंदनः ब्रिटेन में बृहस्पतिवार को आम चुनाव हो रहे हैं जिसमें प्रधानमंत्री एवं कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक के राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा। इन चुनाव में करीब 5 कोरोड़ मतदान करने के पात्र हैं। इस चुनाव में देश के इतिहास में अब तक की सबसे विविध संसद देखने को मिल सकती है। इस संसद में देशभर से भारतवंशी सांसदों की बड़ी संख्या का अनुमान है। 'ब्रिटिश फ्यूचर थिंक टैंक के एक विश्लेषण के अनुसार, यदि लेबर पार्टी बहुमत में आई तो उसमें जातीय अल्पसंख्यक सांसदों की अब तक की सर्वाधिक संख्या हो सकती है। मतदाता 650 निर्वाचन क्षेत्रों में संसद के सदस्यों के लिए मतदान करेंगे।
स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे देशभर भर में बनाए गए करीब 40,000 मतदान केंद्र खुल गए, जहां मतदाता अपने पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। इस बार मतदान केंद्र पर पहचान पत्र ले जाना अनिवार्य है। ऋषि सुनक ने बुधवार को लोगों से उनके पक्ष में मतदान करने की अपील की। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘ यही बात हमें एकजुट करती है। हमें लेबर पार्टी की बहुमत वाली सरकार को रोकना होगा जो आप पर कर बढ़ाएगी। ऐसा करने का एकमात्र तरीका है, कल कंजर्वेटिव पार्टी को वोट देना।'' देश में 2019 में हुए आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी 365 सीटों पर जीती थी वहीं लेबर पार्टी ने 202 सीटें जीती थीं। चुनाव में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर के बीच मुकाबला है।
वहीं, सबकी नजर पंजाब मूल के वोटरों पर है, जिनकी संख्या 10 लाख से अधिक है। लिहाजा तमाम पार्टियों ने पंजाब मूल के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जिनकी संख्या 20 से अधिक है। हालांकि, इस बार लगातार चुनाव जीतते आ रहे लेबर पार्टी के सांसद वरिंदर शर्मा मैदान से हट गए हैं। वह जालंधर के रहने वाले हैं और लंबे समय से यूके में बसे हुए हैं। 2019 में हुए आम चुनाव में भारतीय मूल के 15 सांसद जीत हासिल कर संसद पहुंचे थे। इनमें से कई इस बार भी चुनाव मैदान में हैं। इलिंग साउथहॉल सीट पर बड़ी संख्या में पंजाब मूल के मतदाता हैं। यही वजह है कि इस सीट से भारतीय मूल के दो उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं, जिनमें संगीत कौर और जोगिंदर सिंह का नाम शामिल है।
पहली महिला सिख सांसद प्रीत कौर लेबर पार्टी की तरफ से बर्मिघम से उम्मीदवार हैं। इस संसद में देशभर से भारतवंशी सांसदों की बड़ी संख्या का अनुमान है। 'ब्रिटिश फ्यूचर थिंक टैंक के एक विश्लेषण के अनुसार, यदि लेबर पार्टी बहुमत में आई तो उसमें जातीय अल्पसंख्यक सांसदों की अब तक की सर्वाधिक संख्या हो सकती है। इस बार चुनाव में खास बात यह है कि सिख नेटवर्क की तरफ से तीसरा सिख चुनावी घोषणा पत्र जारी किया गया है। इस बार पहले पगड़ीधारी सिख तनमनजीत सिंह ढेसी दोबारा लड़ रहे हैं, जबकि पहली महिला सिख सांसद प्रीत कौर गिल भी लेबर पार्टी की तरफ से बर्मिंघम से उम्मीदवार हैं।
सबीर सिंह अठवाल एल्फोर्ड साउथ, सतवीर कौर साउथ हैम्पटन, हरप्रीत कौर उप्पल हडर्सफील्ड, वरिंदर सिंह जस वोल्वर हैम्पटन पश्चिम, बागी शंकर डर्बी दक्षिणी, डॉ. जीवन सिंह संधर लॉफबोरो से, कीर्थ वोल्टन उत्तर पूर्वी, टोनी सिंह गिल राय स्लिप नॉरवुड पिननिर से, पवित्र कौर मान विंडसर सीट से, डॉ. गुरप्रीत कौर पड्डा वेवीने वैली, सोनिया कुमार भोगल डडली से, गुरिंदर सिंह जोशन स्मेदिक से लेबर पार्टी के उम्मीदवार हैं। सीमा मल्होत्रा भी तीसरी बार मैदान से हैं। वर्कर्स पार्टी से दर्शन सिंह आजाद, अमृतपाल सिंह मान, प्रभदीप सिंह भी चुनाव मैदान में अलग अलग पार्टियों से हैं साउथ हॉल से संगीत कौर भेल, जोगिंदर सिंह आजाद उम्मीदवार हैं। अश्ववीर सिंह संघा भी चुनाव लड़ रहे हैं।