UK आने वाले विदेशी कामगारो व छात्रों की संख्या में भारी गिरावट, एक साल में 36% आई कमी

Edited By Tanuja,Updated: 10 Aug, 2024 04:57 PM

uk govt wants to cut overseas hiring by tech and engineering companies

यूनाइटेड किंगडम (यूके) की कीर स्टारमर सरकार तकनीकी और इंजीनियरिंग कंपनियों द्वारा विदेशी हायरिंग को कम करने की योजना बना रही है। इस...

लंदन: यूके में आने वाले विदेशी कार्यकर्ताओं और छात्रों की संख्या में भी गिरावट आई है। यह गिरावट रिषी सुनक की पूर्व सरकार द्वारा वीजा पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण हुई है। जुलाई 2023 में 1,43,000 लोगों ने यूके में कुशल कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कर्मी और अध्ययन वीजा के लिए आवेदन किया था, जबकि जुलाई 2024 में यह संख्या घटकर 91,300 हो गई है, जो 36% की कमी को दर्शाता है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के माइग्रेशन ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, अगले पांच वर्षों में शुद्ध आव्रजन में काफी गिरावट की संभावना है, जो 2030 तक लगभग 3,50,000 तक पहुंच सकती है। इसके पीछे यूके छोड़ने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि, विदेश से आने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट, और निजी क्षेत्र में रिक्तियों की कमी जैसी प्रमुख वजहें होंगी।

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 यूनाइटेड किंगडम (UK) की कीर स्टारमर सरकार तकनीकी और इंजीनियरिंग कंपनियों द्वारा विदेशी भर्ती पर ब्रेक लगाने की योजना बना रही है। इस कदम से भारतीय तकनीकी पेशेवरों के लिए झटका हो सकता है, जो यूके में काम करने की इच्छा रखते हैं। गृह सचिव येवेट कूपर ने माइग्रेशन एडवाइजरी कमेटी (MAC) को इन क्षेत्रों में कुशल कार्यकर्ता वीजा पर निर्भरता की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। गृह सचिव कूपर ने कहा कि कुछ प्रमुख क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय भर्ती पर अत्यधिक निर्भरता को समझना जरूरी है।


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विशेष रूप से आईटी, दूरसंचार, और इंजीनियरिंग के क्षेत्र सबसे अधिक वर्क वीजा का उपयोग कर रहे हैं। कूपर ने MAC को लिखे एक पत्र में कहा, "हम दुनियाभर से लोगों के हमारे अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए आभारी हैं, लेकिन इस सिस्टम को प्रबंधित और नियंत्रित करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य आव्रजन को कौशल नीति के साथ मिलाकर एक निष्पक्ष और संगठित दृष्टिकोण विकसित करना है। गृह सचिव ने MAC से नौ महीनों के भीतर यह रिपोर्ट मांगी है कि कैसे आव्रजन प्रणाली का अधिक प्रभावी तरीके से उपयोग किया जा सकता है ताकि नियोक्ताओं को घरेलू कार्यबल से भर्ती करने पर जोर दिया जा सके।यूके में आने वाले विदेशी कार्यकर्ताओं और छात्रों की संख्या में भी गिरावट आई है।

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