Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 20 Jan, 2025 12:29 PM
ब्रिटेन ने भारत को उपनिवेश बनाकर वहाँ से जो संपत्ति निकाली, वो बहुत अधिक थी। साल 1765 से साल 1900 तक के बीच ब्रिटेन ने कुल 64.82 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का धन भारत से बाहर निकाला। इसका बड़ा हिस्सा सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों के पास गया, जो करीब 33.8...
इंटरनेशनल डेस्क: ब्रिटेन ने भारत को उपनिवेश बनाकर वहाँ से जो संपत्ति निकाली, वो बहुत अधिक थी। साल 1765 से साल 1900 तक के बीच ब्रिटेन ने कुल 64.82 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का धन भारत से बाहर निकाला। इसका बड़ा हिस्सा सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों के पास गया, जो करीब 33.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था। यह पैसा इतना अधिक था कि अगर इसे 50 ब्रिटिश पाउंड के नोटों में गिना जाए, तो लंदन का सतह क्षेत्र चार गुना बढ़ सकता था।
उपनिवेश किसे कहते है?
उपनिवेश (कालोनी) किसी राज्य के बाहर की उस दूरस्थ बस्ती को कहते हैं जहाँ उस राज्य की जनता निवास करती है। किसी पूर्ण प्रभुसत्ता संपन्न राज्य (सावरेन स्टेट) के लोगों के अन्य देश की सीमा में जाकर बसने के स्थान के लिए भी इस शब्द का प्रयोग होता है।
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ऑक्सफैम की रिपोर्ट क्या कहती है?
यह जानकारी ऑक्सफैम इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में दी गई है, जो हर साल विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक से पहले जारी की जाती है। रिपोर्ट का शीर्षक है "टेकर्स, नॉट मेकर्स", जिसमें दावा किया गया है कि उपनिवेशवाद ने एक असमान दुनिया का निर्माण किया, जिसमें सबसे अमीर लोग लगातार लाभ में थे और गरीब देशों से धन निकालकर मुख्य रूप से विकसित देशों के अमीरों को फायदा पहुंचाया गया।
अमीरों के बीच बंटा सारा धन
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उपनिवेशवाद के दौरान सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोग भारतीय संपत्ति का बड़ा हिस्सा अपने पास रखते थे। इसके अलावा, भारत के नए उभरते मध्यम वर्ग को भी इस धन का एक हिस्सा मिला, लेकिन सबसे ज्यादा लाभ उन कंपनियों और व्यक्तियों को हुआ, जिन्होंने ब्रिटेन को उपनिवेशीकरण के दौरान धन लाने में मदद की।
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गुलामी और उपनिवेशवाद का संबंध क्या है?
ऑक्सफैम की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि ब्रिटेन में आज के सबसे अमीर लोग अपने परिवारों की संपत्ति को गुलामी और उपनिवेशवाद से जोड़ सकते हैं, विशेषकर उन गुलाम मालिकों को दिए गए मुआवजे के माध्यम से जिन्होंने गुलामी को समाप्त करने के बाद धन अर्जित किया।
आधुनिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों का शोषण
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि उपनिवेशवाद ने आधुनिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मार्ग प्रशस्त किया। इन कंपनियों, जो आज एकाधिकार की स्थिति में हैं, वैश्विक दक्षिण में महिला श्रमिकों का शोषण करती हैं, जबकि उनके लाभ का बड़ा हिस्सा वैश्विक उत्तर में स्थित अमीरों को जाता है।
भारत की औद्योगिक स्थिति में गिरावट आई है?
साल 1750 में भारत का वैश्विक औद्योगिक उत्पादन 25 प्रतिशत था। लेकिन साल 1900 तक यह आंकड़ा गिरकर केवल 2 प्रतिशत रह गया। इस भारी गिरावट का मुख्य कारण उपनिवेशीकरण और ब्रिटेन द्वारा भारत से निकाले गए संसाधन थे।