Edited By Radhika,Updated: 28 Jun, 2024 01:46 PM
![un women s report revealed in 113 countries no woman ever came to power](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_13_43_404505284un-ll.jpg)
भले ही दुनिया में महिलाओं की समानता को लेकर कितनी भी बड़ी-बड़ी बाते की जाती हों लेकिन सच यही है कि अभी भी महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा नहीं मिला है। इसकी एक झलक सत्ता के गलियारों में भी देखी जा सकती है।
नेशनल डेस्क: भले ही दुनिया में महिलाओं की समानता को लेकर कितनी भी बड़ी-बड़ी बाते की जाती हों लेकिन सच यही है कि अभी भी महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा नहीं मिला है। इसकी एक झलक सत्ता के गलियारों में भी देखी जा सकती है। दुनिया के 113 देशों में कभी कोई महिला राष्ट्राध्यक्ष या सरकार में प्रमुख पद पर नहीं रही। इतना ही नहीं 141 देशों के कैबिनेट मंत्रियों में महिलाओं की हिस्सेदारी एक तिहाई से भी कम है। यूएन वीमेन की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के आंकड़ों में दुनिया की कुल आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब-करीब आधी (49.7) है। बावजूद सत्ता के गलियारों तक उनकी सीमित पहुंच है।
वैश्विक स्तर पर निर्णय लेने में महिलाओं का सीमित प्रतिनिधित्व आधी आबादी के लिए चिंताजनक है। इस दिशा में प्रगति हुई है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी महिलाएं सत्ता और कूटनीति से काफी हद तक दूर हैं। निर्णय लेने वाली शीर्ष भूमिकाओं में आज भी पुरुषों का दबदबा कायम है।
नई सरकार के 32 कैबिनेट मंत्रियों में केवल दो महिलाएं
भारत में जुलाई 2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुनीं गईं। इसके बाद जुलाई 2022 में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को पद मिला है। यानी इस दौरान 35 बार देश में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चुने गए हैं, उनमें से केवल तीन बार इन शीर्ष पदों पर कोई महिला बैठी थी। हाल ही में बनी कैबिनेट में भी 32 कैबिनेट मंत्रियों में से केवल दो महिलाएं हैं। नवनिर्वाचित 46 राज्यमंत्रियों में भी सिर्फ पांच महिलाएं हैं। 2019 में 78 के मुकाबले 2024 में महिला सांसदों की की संख्या घटकर 74 रह गई है।