देश में किसी भी हालत में 25 जून 1975 जैसा दिन दोबारा देखने को नहीं मिलेगा : उपराष्ट्रपति धनखड़

Edited By Parveen Kumar,Updated: 26 Jun, 2024 10:54 PM

under no circumstances will we see a day like 25 june 1975 again in the country

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 1975 में देश में आपातकाल लगाए जाने को याद करते हुए बुधवार को कहा कि किसी भी हालत में अब मुल्क में ऐसा दिन दोबारा देखने को नहीं मिलेगा।

जैतो, (रघुनदंन पराशर) : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 1975 में देश में आपातकाल लगाए जाने को याद करते हुए बुधवार को कहा कि किसी भी हालत में अब मुल्क में ऐसा दिन दोबारा देखने को नहीं मिलेगा। गाजियाबाद जिले में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, "देश पर पहले कभी ऐसे काले घने बादल नहीं मंडराये थे जो आज के दिन (1975) मंडराये थे। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र (1975) में अंधेरे में चला गया था। किसी भी हालत में अब भारत में ऐसा दिन देखने को नहीं मिलेगा।”

उन्होंने कहा, “हम इतने मजबूत हो गये हैं, भारतीय लोकतंत्र की नींव इतनी मजबूत हो गई है कि गांवों, नगर पालिकाओं और जिलों में लोकतंत्र है।" उल्लेखनीय है कि 25 जून 1975 को आधी रात को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सलाह पर भारत में आपातकाल की घोषणा की थी। धनखड़ सीईएल परिसर पहुंचे और सबसे पहले पौधारोपण किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्यसभा के सभापति के तौर पर उन्होंने सांसदों से 100 पौधे लगाने को कहा है। उन्होंने कहा, "मैं इसका पालन करता हूं। मुझे याद है कि जब मैं यहां पौधारोपण कर रहा था, तो प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'मां के नाम एक पेड़' हमारा मिशन होना चाहिए क्योंकि इससे हमारे जीवन पर असर पड़ेगा।"

सीईएल के अधिकारियों और कर्मचारियों के काम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, "दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। हम एक और औद्योगिक क्रांति के मुहाने पर हैं।" उपराष्ट्रपति ने कहा, "हमें तकनीकी नवाचारों पर क्रमिक रूप से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। आप इसका हिस्सा हैं और इस संबंध में आगे बढ़ेंगे।" कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर सीईएल को "मिनी रत्न" का दर्जा (श्रेणी-1) प्रदान करने की घोषणा की। सिंह ने सीईएल के प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, विशेष रूप से पिछले पांच वर्षों में, सीईएल की वित्तीय स्थिरता, लाभप्रदता और परिचालन उत्कृष्टता ने नयी ऊंचाइयों को छुआ है।

उन्होंने कहा कि टर्नओवर, नेटवर्थ, रिजर्व, नेट प्रॉफिट आदि के मामले में भी सीईएल का प्रदर्शन उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा, “सीईएल घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीयूसी) से लाभांश देने वाले पीएसयू में तब्दील हो गई है और यह लगातार तीसरा वर्ष है जब सीईएल ने भारत सरकार को लाभांश का भुगतान किया है, वह भी बढ़ती दर पर। लगभग 58 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त करके 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाना सराहनीय है।” उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य क्षमता निर्माण, कौशल विकास के माध्यम से प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण बढ़ाना और विनिर्माण को बढ़ावा देना है। रक्षा, रेलवे, सुरक्षा, निगरानी और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सीईएल का योगदान स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।”

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!