Edited By Mahima,Updated: 15 Feb, 2025 10:53 AM
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केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने की घोषणा की है। यह योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए होगी, जो पहले से NPS के तहत हैं। UPS में अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी का 50% पेंशन मिलेगा, और महंगाई के आधार पर पेंशन बढ़ेगी।...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने 24 जनवरी 2025 को एक नई योजना का ऐलान किया, जिसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) कहा गया है। यह योजना केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए होगी, जो पहले से राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत रजिस्टर्ड हैं। UPS 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और कर्मचारियों को यह विकल्प मिलेगा कि वे NPS या UPS में से किसी एक योजना को चुन सकेंगे।
क्या है पेंशन स्कीम (UPS) का उद्देश्य
UPS का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्चित और स्थिर पेंशन प्रदान करना है। UPS के तहत, कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा, बशर्ते उन्होंने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की हो। यह पेंशन कर्मचारी के पूरे जीवनकाल के लिए सुनिश्चित होगी, और इसका भुगतान रिटायरमेंट के बाद किया जाएगा।
मृत्यु के बाद परिवार को मिलेगा पेंशन
अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिवार को पेंशन का 60% हिस्सा मिलेगा। यह पेंशन कर्मचारी की जो मूल पेंशन होगी, उसका 60% होगा। इससे कर्मचारियों के परिवार को भी वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। इसके अलावा, सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जो कर्मचारी 10 साल या उससे अधिक की सेवा पूरी करते हैं, उन्हें कम से कम 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी। इस तरह UPS योजना उन कर्मचारियों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान करेगी, जो लंबे समय तक सेवा देने के बाद रिटायर होते हैं।
महंगाई के आधार पर पेंशन में बढ़ोतरी
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत महंगाई के हिसाब से पेंशन में वृद्धि की जाएगी। यह वृद्धि महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के रूप में होगी, जो ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) के आधार पर कैलकुलेट होगी। इस स्कीम से रिटायर्ड कर्मचारियों को महंगाई के बढ़ने पर भी राहत मिलेगी और उनकी पेंशन का मूल्य हमेशा स्थिर रहेगा।
सरकार का योगदान पहले से अधिक
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत सरकार का योगदान पहले से अधिक होगा। वर्तमान में, NPS में कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 10% योगदान करते हैं, और सरकार का योगदान 14% होता है। लेकिन 1 अप्रैल 2025 से UPS लागू होने पर सरकार का योगदान बढ़कर कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5% हो जाएगा। इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिसका अनुमान पहले साल में लगभग 6250 करोड़ रुपये होगा।
यूपीएस के लाभार्थी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी
यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा, जो पहले से NPS के तहत कवर होते हैं और UPS को ऑप्ट करते हैं। इस स्कीम में शामिल होने वाले कर्मचारियों को किसी अन्य पॉलिसी लाभ, रियायत, या फाइनेंशियल बेनिफिट्स का हक नहीं होगा। यह योजना 23 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचाएगी, जो NPS के तहत आते हैं।
यूपीएस और ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS)
UPS की शुरुआत ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की बढ़ती मांग को देखते हुए की गई है। OPS के तहत, रिटायर्ड कर्मचारियों को उनके वेतन का 50% पेंशन के तौर पर दिया जाता था। हालांकि, NPS के तहत पेंशन की राशि कर्मचारियों के योगदान और निवेश पर निर्भर करती है। UPS, ओल्ड पेंशन स्कीम की तरह एक निश्चित पेंशन प्रदान करती है, जो कर्मचारी के अंतिम वेतन के आधार पर निर्धारित की जाती है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन सुरक्षा प्रदान करना
यूपीएस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित और सुनिश्चित आय का स्रोत उपलब्ध कराएगी। साथ ही, महंगाई के आधार पर पेंशन में वृद्धि भी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि पेंशनधारी कर्मचारियों की जीवनशैली प्रभावित न हो।
UPS का योगदान बढ़ने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ
सरकारी कर्मचारियों के लिए UPS का योगदान बढ़ने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। NPS के तहत, सरकार वर्तमान में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 14% योगदान करती है। लेकिन UPS लागू होने के बाद सरकार का योगदान बढ़कर 18.5% हो जाएगा। इससे पहले साल में करीब 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा, जो कि केंद्रीय बजट पर असर डाल सकता है।