Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Feb, 2025 01:49 PM
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट 2025 में वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। अब टैक्स-फ्री आय की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, नए कर व्यवस्था के तहत मिलने वाली 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलाकर...
नेशनल डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट 2025 में वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। अब टैक्स-फ्री आय की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, नए कर व्यवस्था के तहत मिलने वाली 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलाकर यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। लेकिन अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) का सही तरीके से इस्तेमाल करें, तो यह सीमा 13.7 लाख रुपये तक बढ़ाई जा सकती है, जिससे आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा!
कैसे काम करेगा यह फॉर्मूला?
सरकार ने पिछले साल NPS में नियोक्ता के योगदान पर कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% कर दी थी। इस बदलाव के कारण 13.7 लाख रुपये सालाना वेतन पाने वाले व्यक्ति की टैक्स देनदारी शून्य हो सकती है।
उदाहरण:
- यदि आपकी मूल वेतन (Basic Salary) आपकी कुल आय का 50% है, तो यह 6.85 लाख रुपये होगी।
- आपके नियोक्ता का 14% NPS योगदान होगा 95,900 रुपये।
- 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा।
- कुल डिडक्शन: 1,70,900 रुपये।
- आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 11,99,100 रुपये रह जाएगी, जो 12 लाख रुपये की टैक्स-फ्री लिमिट से कम है।
इसमें एक शर्त भी है!
हालांकि यह योजना काफी फायदेमंद लग रही है, लेकिन इसमें एक अड़चन भी है:
- हर कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए 14% NPS योगदान लागू नहीं कर रही है।
- NPS की लॉक-इन अवधि लंबी होती है, जिससे कई कर्मचारी इसमें निवेश करने से हिचकिचाते हैं।
- रिटायरमेंट के समय भी सिर्फ 60% रकम निकाल सकते हैं, बाकी 40% से अनिवार्य रूप से एन्युटी खरीदनी होगी।
किन लोगों के लिए फायदेमंद?
अगर आपके नियोक्ता ने 14% NPS योगदान लागू किया है, तो यह आपके लिए बेहतरीन टैक्स-सेविंग प्लान हो सकता है। लेकिन जिनके लिए यह विकल्प उपलब्ध नहीं है, उन्हें यह तय करना होगा कि क्या वे तत्काल टैक्स लाभ के बदले लंबी अवधि के लिए फंड लॉक करने को तैयार हैं?