Edited By Anu Malhotra,Updated: 23 Sep, 2024 02:33 PM
हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का चलन बढ़ाना है। यह योजना मौजूदा FAME योजना की जगह लेगी और स्थानीय...
नेशनल डेस्क: हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का चलन बढ़ाना है। यह योजना मौजूदा FAME योजना की जगह लेगी और स्थानीय स्तर पर ईवी उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगी।
योजना की खास बातें:
सरकार ने योजना के लिए 10,900 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
योजना के तहत चरणबद्ध मैन्युफैक्चरिंग कार्यक्रम (PMP) लागू किया जाएगा, जो स्थानीय स्तर पर ईवी उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करेगा।
ईवी निर्माता, जो स्थानीय स्तर पर उपकरणों को सोर्स करते हैं, उन्हें सब्सिडी प्रदान की जाएगी, लेकिन उन्हें घरेलू मूल्य संवर्धन की आवश्यकता नहीं होगी।
सब्सिडी का लाभ:
2025-26 तक, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर प्रति वाहन 5,000 रुपये और तिपहिया वाहनों पर 25,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
सब्सिडी पाने वाली कंपनियों को योजना के नियमों का छह महीने के भीतर पालन करना होगा और मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया की नियमित निगरानी की जाएगी, जिससे सब्सिडी का दुरुपयोग न हो।
इस योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को सुलभ बनाकर पर्यावरणीय सुधार और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ना है।