Edited By Utsav Singh,Updated: 17 Oct, 2024 02:26 PM
सिर पर कम बाल होने के कारण कई लोग मानसिक तनाव और हीनभावना का शिकार हो जाते हैं। गंजेपन की समस्या पर समाज में एक नकारात्मक धारणा बनी रहती है। हालांकि, कुछ सकारात्मक संदेश भी फिल्मों के जरिए दिए गए हैं। इस बीच, पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के...
पश्चिम बंगाल : सिर पर कम बाल होने के कारण कई लोग मानसिक तनाव और हीनभावना का शिकार हो जाते हैं। गंजेपन की समस्या पर समाज में एक नकारात्मक धारणा बनी रहती है। हालांकि, कुछ सकारात्मक संदेश भी फिल्मों के जरिए दिए गए हैं। इस बीच, पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के विधायक शौकत मोल्ला ने एक साहसिक कदम उठाकर लोगों को चौंका दिया है। उन्होंने एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें 100 गंजे पुरुषों को सम्मानित किया गया, ताकि उन्हें ‘इंटेलेक्चुअल’ के रूप में मान्यता दी जा सके। यह पहल न केवल गंजेपन के प्रति लोगों की सोच को बदलने की कोशिश है, बल्कि इसका उद्देश्य उन लोगों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाना है, जो अपनी शारीरिक बनावट के कारण हीनभावना का शिकार होते हैं।
गंजे पुरुषों का सम्मान
शौकत मोल्ला ने बुधवार को एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें उन्होंने 100 गंजे पुरुषों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन्हें ‘इंटेलेक्चुअल’ के तौर पर मान्यता देना था। विधायक का मानना है कि गंजे पुरुष अक्सर अधिक बुद्धिमान होते हैं, और हमें उनका आत्मविश्वास और हौसला बढ़ाने की आवश्यकता है।
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कार्यक्रम का आयोजन
यह कार्यक्रम केनिंग ईस्ट विधानसभा के जीवंतला बाजार में आयोजित हुआ। विधायक ने वहां मौजूद गंजे पुरुषों को फूल और गिफ्ट बांटे। उन्होंने कहा कि गंजेपन, स्किन टोन, कम हाइट, मोटापे या किसी अन्य शारीरिक बनावट के कारण जो लोग हीनभावनाओं का सामना करते हैं, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए यह पहल की गई है।
आत्मविश्वास का संचार
विधायक ने इस पहल के माध्यम से बताया कि गंजे लोग सामाजिक माहौल में जाने में संकोच करते हैं। कार्यक्रम को दो गांवों से शुरू किया गया है, और आने वाले दिनों में इसे और बढ़ाया जाएगा। कार्यक्रम में शामिल एक व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने कई नुस्खे आजमाए, लेकिन बाल वापस नहीं आए। इस पहल से उन्हें नया हौसला और आत्मविश्वास मिला है।
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सकारात्मक बदलाव की उम्मीद
शौकत मोल्ला की इस पहल से न केवल गंजे पुरुषों को सम्मान मिला, बल्कि समाज में गंजेपन को लेकर नकारात्मक धारणा को बदलने की कोशिश भी की गई है। यह कार्यक्रम एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जो लोगों को अपने आत्म-सम्मान को फिर से खोजने में मदद करेगा।