Edited By Yaspal,Updated: 16 Aug, 2024 08:38 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 69 हजार शिक्षक भर्ती में बड़ा फैसला सुनाते हुए पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द कर दिया है। मामले में कोर्ट ने सरकार को तीन महीने में नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है
लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 69 हजार शिक्षक भर्ती में बड़ा फैसला सुनाते हुए पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द कर दिया है। मामले में कोर्ट ने सरकार को तीन महीने में नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है जिसमें आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा नियमावली का पालन किया गया हो।
बता दें कि भर्ती प्रक्रिया में आरोप लगाया गया था कि 19 हजार पदों पर आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है। ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी की जगह सिर्फ 3।86 फीसदी का और अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को 21 फीसदी की जगह 16।2 फीसदी आरक्षण दिया गया था। हालांकि, सरकार ने भर्ती नियमानुसार होने की बात कही थी।
कब हुई थी शिक्षक भर्ती परीक्षा?
आपको बता दें कि 68500 सहायक शिक्षकों की भर्ती के बाद यूपी सरकार ने 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए दिसंबर 2018 में विज्ञापन निकाला और जनवरी 2019 में परीक्षा करा ली गई। इस भर्ती में 4 लाख 10 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से 1 लाख 40 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे। इसके बाद सरकार ने मेरिट लिस्ट निकाली। मेरिट लिस्ट आते ही बवाल मच गया, क्योंकि जिन अभ्यर्थियों को विश्वास था कि उनका सेलेक्शन हो जाएगा, वह खाली हाथ रह गए।
3 महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को अगले तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया गया है। इस मामले में अभ्यर्थी राजेश का कहना है कि अब हाई कोर्ट की डबल बेंच ने भी आरक्षण घोटाले पर मुहर लगा दी है, सरकार को जल्द से जल्द मेरिट जारी करना चाहिए और उन सभी लोगों को नौकरी से निकालना चाहिए, जो पात्र नहीं थे। फिलहाल इस मामले में सरकार की ओर से उसका पक्ष अभी सामने नहीं आया है।