Edited By Yaspal,Updated: 05 Sep, 2024 11:26 PM
पिछले साल सात अगस्त को लखनऊ के गुडंबा क्षेत्र से लापता युवक का कंकाल गुरुवार को बाराबंकी में फतेहपुर के जंगल में मिला है। उसकी पहचान कपड़ों व चप्पल से हुई है।
लखनऊः पिछले साल सात अगस्त को लखनऊ के गुडंबा क्षेत्र से लापता युवक का कंकाल गुरुवार को बाराबंकी में फतेहपुर के जंगल में मिला है। उसकी पहचान कपड़ों व चप्पल से हुई है। परिजनों ने उसके दोस्त व युवती पर हत्या का आरोप लगाया है पुलिस सूत्रों के अनुसार थाना गुडंबा के चकगांव से सात अगस्त से लापता दुर्गेश यादव की हत्या कर दी गई थी। बृहस्पतिवार को उसका शव (कंकाल) जिले के फतेहपुर के जंगल में मिला है। मृतक की पहचान परिजनों ने कंकाल के पास मिले कपड़े और चप्पल से की है। फतेहपुर पुलिस ने पंचनामा भर उसे पोस्टमाटर्म के लिए भेज दिया।
परिजनों के मुताबिक युवक का देवा की एक युवती से प्रेम प्रसंग था। गांव के एक युवक और युवती ने मिलकर दुर्गेश की हत्या कर दी।मृतक के परिजनों ने गुडंबा के बेहटा चौकी इंचार्ज और दरोगा पर जांच में लापरवाही का आरोप लगाया है। बेहटा के चक गांव निवासी ठाकुर प्रसाद का दूध का कारोबार है। उनका बड़ा लड़का दुर्गेश यादव (22) परिजन के अनुसार सात अगस्त को किसी का फोन आने दुर्गेश कुछ देर में आने की बात कहकर चला गया था। देर रात तक घर नहीं आने पर उससे संपकर् किया गया तो उसका फोन बंद था। दूसरे दिन परिचितों और रिश्तेदारों में तलाश करने पर भी उसका कुछ पता नहीं चला। तभी परिवार के लोगों ने15 अगस्त को गुडंबा थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी। आरोप है कि विचेचक बेहटा चौकी ने कोई भी प्रयास नहीं किया।
बेटे की तलाश में जुटे परिजनों को पता चला कि दुर्गेश गांव के ही एक युवक मनीष रावत के साथ उसकी बाइक से देवा में लड़की से मिलने गया था। परिजनों से मिली जानकारी पर पुलिस ने युवक और युवती से पूछताछ की। मनीष ने दुर्गेश के साथ जंगल में जाने की बात स्वीकार भी की लेकिन पुलिस ने मनीष को छोड़ दिया। वहीं, बेटे को जंगल में तलाश रहे परिजनों को आज सुबह एक कंकाल दिखाई दिया। कंकाल के पास पड़े कपड़े और चप्पल से परिजनों ने दुर्गेश के रूप में उसकी पहचान की।