Edited By Anu Malhotra,Updated: 07 Feb, 2025 05:01 PM
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अमेरिका में कथित रूप से अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों को डिपोर्ट किए जाने के बाद यह मामला राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीति के तहत, इन भारतीयों को अमेरिकी वायुसेना के विशेष विमान से अमृतसर भेजा गया, जहां...
नेशनल डेस्क: अमेरिका में कथित रूप से अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों को डिपोर्ट किए जाने के बाद यह मामला राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीति के तहत, इन भारतीयों को अमेरिकी वायुसेना के विशेष विमान से अमृतसर भेजा गया, जहां उनके हाथ-पैरों में हथकड़ियां और बेड़ियां लगी हुई थीं।
इस घटना को लेकर विपक्ष ने संसद में सवाल उठाए और केंद्र सरकार से अमेरिका के साथ इस मुद्दे को सुलझाने की मांग की। इसके जवाब में विदेश मंत्री एस. जयशंकर को मोर्चा संभालना पड़ा। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि अमेरिका का इमीग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट (ICE) विभाग 2012 से प्रभावी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत डिपोर्टेशन करता है, जिसमें संयम बरतने का प्रावधान है। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ट्रंप प्रशासन से बातचीत कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डिपोर्ट किए गए भारतीयों के साथ कोई अमानवीय व्यवहार न हो।
ICE की भूमिका और डिपोर्टेशन प्रक्रिया
ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट) अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) के अंतर्गत काम करता है और अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर निकालने के लिए जिम्मेदार है।
गिरफ्तारी के बाद अवैध प्रवासियों को ICE हिरासत केंद्र में भेजा जाता है।
दो साल से कम समय से अमेरिका में रहने वालों को बिना इमिग्रेशन जज के फैसले के जल्द ही डिपोर्ट कर दिया जाता है।
लंबे समय से रह रहे अप्रवासियों को डिपोर्ट होने में कई साल लग सकते हैं।
हथकड़ी लगाने पर क्यों हो रहा है विवाद?
डिपोर्ट किए गए भारतीयों ने दावा किया कि उन्हें पूरी यात्रा के दौरान हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़कर रखा गया। अमेरिका के अधिकारियों ने इसे सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा बताया, ताकि विमान में किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके। हालांकि, इस व्यवहार को लेकर भारत में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आगे की राह
विपक्षी दलों ने सरकार से अमेरिका पर दबाव बनाने की मांग की।
जयशंकर ने संसद में कहा कि डिपोर्टेशन की SOP में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
भारत सरकार ट्रंप प्रशासन से संपर्क में है ताकि भविष्य में भारतीयों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित किया जा सके।
यह मामला अवैध आप्रवासन और मानव तस्करी को लेकर भी नई बहस छेड़ रहा है, क्योंकि डिपोर्ट किए गए कई भारतीयों ने ट्रैवल एजेंटों को लाखों रुपये देकर अमेरिका जाने का प्रयास किया था। अब इस मामले में अवैध प्रवास को बढ़ावा देने वाले एजेंटों पर सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।