Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Sep, 2024 07:56 AM
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने आक्रमक स्टैंड लेते हुए ब्याज दरों में आधा फ़ीसदी की कटौती की है। अमेरिका की इस कटौती का असर भारत में 7-8 अक्टूबर को होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति में नज़र आएगा। भारत में...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने आक्रमक स्टैंड लेते हुए ब्याज दरों में आधा फ़ीसदी की कटौती की है। अमेरिका की इस कटौती का असर भारत में 7-8 अक्टूबर को होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति में नज़र आएगा। भारत में भी ब्याज दरें कम हो जाएंगी। इससे आपके Home Loan, Car Loan और Personal Loan की EMI घटना तय है।
इसके अलावा लंबी अवधि के डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज भी कम हो सकता है। भारत में पीछले दो महीने में होल सेल और रिटेल Inflation में गिरावट देखने को मिल रही है और भारत में महंगाई की दर Reserve Bank of India के 2 से 4 फीसदी के लक्ष्य के भीतर है।
लिहाजा RBI ब्याज दरों में कटौती का फैसला आसानी ले सकता है। अमेरिका से पहले कनाडा बैंक ऑफ़ कनाडा (BoC) ने जुलाई और अगस्तर में 2 बार 25-25 फीसदी ब्याज दरों में कमी की जबकि European Central Bank (ECB) ने दो बार ब्याज दरे घटा चुका है।
पूरी दुनिया में ब्याज दरों में वृद्धि का सिलसिला 24 फरवरी 2022 को रूस द्वारा युक्रेन के हमले के बाद शुरू हुआ था। क्योंकि इस हमले क बाद पूरी दुनिया में ससप्लाई चेन इबादत होने के कारण महंगाई बढ़ गई। इसे नियंत्रित करने के लिए पूरी दुनिया के बैंको को ब्याज दरों में जबरस्त वृद्धि करनी पड़ी हालांकि ब्याद दरों में वृद्धि का सिलसिला जुलाई 2023 में रूक गया था और ब्याज दरें स्थिर बनी रही। लेकिन इनमें गिरावट का इंतजार किया जा रहा था। अमेरिका में वित्तीय संकट के खतरे के बीच अब Federal Reserve ने ब्याज दरों में आधा फीसदी की कटौती करके अग्रेसिव स्टैंड लिया है इसके साथ ही 2008 की आर्थिक मंदी के बाद पहली बार 50 फीसदी की कटौती की गई है।