Edited By Tanuja,Updated: 29 Oct, 2024 01:55 PM
भारत ने हाल ही में अन्य देशों को घातक हथियार निर्यात करने में अपनी हिचकिचाहट को दूर कर लिया है। इस दिशा में आर्मेनिया अब...
International Desk: भारत ने हाल ही में अन्य देशों को घातक हथियार निर्यात करने में अपनी हिचकिचाहट को दूर कर लिया है। इस दिशा में आर्मेनिया अब भारत का सबसे बड़ा ग्राहक बन गया है। आर्मेनिया ने भारत से कई आधुनिक हथियार प्रणालियां खरीदी हैं, जिनमें आकाश वायु रक्षा मिसाइलें, पिनाका रॉकेट प्रणाली और 155 मिमी आर्टिलरी गन शामिल हैं।
निर्यात की कुल राशि
2023-24 में भारत ने कुल 21,083 करोड़ रुपS (लगभग 2.6 अरब डॉलर) का रक्षा निर्यात किया। इसमें अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया शीर्ष तीन ग्राहक बने हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि भारत इस तरह अपने रक्षा निर्यात को बढ़ाता रहा, तो यह न केवल देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान करेगा, बल्कि वैश्विक रणनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस प्रकार, भारत अब वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनता जा रहा है, जिसमें अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया जैसे देशों को दीर्घकालिक साझेदार के रूप में देखा जा रहा है। यह भारत की वृद्धि और सामरिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।
हथियारों का विस्तृत चयन
भारतीय कंपनियां अब सरकारी और निजी क्षेत्रों में लगभग 100 देशों को विभिन्न प्रकार के हथियार, गोला-बारूद और फ्यूज निर्यात कर रही हैं। इस प्रकार की सामग्री ने भारत को रक्षा निर्यात में एक महत्वपूर्ण स्थिति में ला दिया है। इनमें प्रमुख भारतीय निर्मित हथियार प्रणालियाँ शामिल हैं, जैसे:
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
- डॉर्नियर-228 विमान
- आर्टिलरी गन
- रडार सिस्टम
- आकाश मिसाइल
- पिनाका रॉकेट्स
- आर्मर्ड व्हीकल्स (बख्तरबंद वाहन)
अमेरिका के साथ संबंध
अमेरिका को भेजे जाने वाले निर्यात में मुख्य रूप से उप-प्रणालियाँ और घटक शामिल हैं। यहाँ भारतीय कंपनियों से बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसे अमेरिकी रक्षा निर्माण करने वाली कंपनियों के लिए विमानों और हेलीकॉप्टरों के लिए फ्यूजलेज, विंग्स और अन्य भागों की सोर्सिंग की जाती है। यह एक वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा है और इसका उद्देश्य अमेरिका के लिए भारतीय कंपनियों से घटकों की खरीद को बढ़ाना है।
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फ्रांस के साथ सहयोग
फ्रांस के साथ भारत का रक्षा सहयोग भी मजबूत हो रहा है। दोनों देशों के बीच संयुक्त विकास और निर्माण की परियोजनाएं चल रही हैं, जो भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाती हैं और भारतीय हथियारों की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देती हैं।
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