Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Feb, 2025 05:17 PM
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हाल ही में अमेरिकी सरकार ने 104 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया, जिनमें से तीन युवक उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें से एक, गुरुप्रीत सिंह, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के पूरनपुर कस्बे के बंजरिया गांव का रहने वाला है। अमेरिका से लौटने के बाद से ही दिल्ली...
नेशनल डेस्क: हाल ही में अमेरिकी सरकार ने 104 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया, जिनमें से तीन युवक उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें से एक, गुरुप्रीत सिंह, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के पूरनपुर कस्बे के बंजरिया गांव का रहने वाला है। अमेरिका से लौटने के बाद से ही दिल्ली पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
इंग्लैंड से अमेरिका तक का सफर—डंकी रूट का इस्तेमाल
गुरुप्रीत की मां जसविंदर कौर के मुताबिक, उनका बेटा करीब दो साल पहले इंग्लैंड गया था, जहां वह फैक्ट्री और कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहा था। 22 दिन पहले उसने परिवार को बताया कि वह डंकी रूट के जरिए अमेरिका पहुंच चुका है। लेकिन अमेरिका पहुंचने के बाद से ही परिवार का उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था।
एजेंट के झांसे में आकर गंवाए लाखों रुपये
परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी, और गुरुप्रीत अपने हालात सुधारने के लिए विदेश में नौकरी करना चाहता था। सितंबर 2022 में उसने 20-25 लाख रुपये खर्च कर लंदन जाने का फैसला किया। इंग्लैंड में रहने के दौरान उसे रोजगार में परेशानी होने लगी, तभी उसकी मुलाकात एक एजेंट से हुई, जिसने उसे अमेरिका में बेहतर नौकरी का झांसा दिया।
गुरुप्रीत ने एजेंट को मोटी रकम दी, लेकिन उसके साथ धोखा हो गया। उसे डंकी रूट से अवैध रूप से अमेरिका भेज दिया गया, जहां 13 जनवरी को अमेरिकी बॉर्डर कंट्रोल ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
डिपोर्ट होने के बाद पूछताछ जारी
गुरुप्रीत को अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत भेज दिया गया, जहां स्थानीय पुलिस ने उसे पीलीभीत लाकर पूछताछ शुरू कर दी है। उसके परिवार और मां जसविंदर कौर अपने बेटे की घर वापसी की राह देख रही हैं।
इस घटना ने एक बार फिर डंकी रूट से विदेश जाने के खतरों को उजागर कर दिया है और अवैध मानव तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित किया है।