Edited By Anu Malhotra,Updated: 24 Feb, 2025 07:55 AM
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) में बड़े पैमाने पर छंटनी की है। प्रशासन ने 2,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, जबकि हजारों अन्य को छुट्टी पर भेज दिया गया है। यह फैसला संघीय न्यायाधीश...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) में बड़े पैमाने पर छंटनी की है। प्रशासन ने 2,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, जबकि हजारों अन्य को छुट्टी पर भेज दिया गया है। यह फैसला संघीय न्यायाधीश द्वारा सरकार को कर्मचारियों को हटाने की अनुमति देने के बाद लिया गया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएस डिस्ट्रिक्ट जज कार्ल निकोल्स ने कर्मचारियों द्वारा इस फैसले पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने वाशिंगटन स्थित USAID मुख्यालय को बंद कर दिया और कई अमेरिकी सहायता व विकास कार्यक्रमों पर रोक लगा दी।
USAID कर्मचारियों को भेजी गई अधिसूचना में कहा गया है कि 23 फरवरी को रात 11:59 बजे से सभी नियुक्त कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर रखा जाएगा। हालांकि, मिशन से जुड़े और विशेष रूप से नामित कार्यक्रमों में कार्यरत कर्मियों को इससे छूट दी गई है।
एलन मस्क की सिफारिश पर लिया गया फैसला?
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने यह निर्णय उद्योगपति एलन मस्क की सिफारिश के आधार पर लिया है। मस्क का मानना है कि विदेशी सहायता और विकास कार्यक्रम अनावश्यक खर्च हैं और इससे उदारवादी एजेंडे को बढ़ावा मिलता है।
कोर्ट की फटकार, विदेशी सहायता बहाल करने का आदेश
हालांकि, एक अन्य मामले में अदालत ने ट्रंप प्रशासन को विदेशी सहायता रोकने के फैसले पर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि आदेश के बावजूद सहायता कार्यक्रमों पर रोक लगाना गलत है और इन्हें अस्थायी रूप से बहाल किया जाए।
ट्रंप प्रशासन द्वारा USAID के सैकड़ों कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को भी नौकरी से निकाले जाने की खबरें हैं। कई कर्मचारियों को आधिकारिक रूप से टर्मिनेशन लेटर भेजे गए हैं। इस फैसले से अमेरिका की विदेशी नीति और सहायता कार्यक्रमों पर बड़ा असर पड़ सकता है।