Edited By Rahul Rana,Updated: 07 Nov, 2024 10:57 AM
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के ढकीया तिवारी गांव में खेत की जोताई के दौरान बड़ी मात्रा में लगभग 2 सौ साल पुराने प्राचीन हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। इसमें तलवारें, बरछी, सिंगल बैरल की बंदूकों की नाले और कई पुराने हथियार मिले हैं। जिसके बाद इस...
नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के ढकीया तिवारी गांव में खेत की जोताई के दौरान बड़ी मात्रा में लगभग 2 सौ साल पुराने प्राचीन हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। इसमें तलवारें, बरछी, सिंगल बैरल की बंदूकों की नाले और कई पुराने हथियार मिले हैं। जिसके बाद इस घटना ने ग्रामीणों को हैरान कर दिया है। किसान जब हल चला रहा था, तो हल के लोहे से टकराने की आवाज आई और खुदाई करने पर तलवार, खंजर, बरछी और पुराने समय की बंदूकें मिलें हैं। ये सभी हथियार वर्षों से जमीन के नीचे दफन थे।
लगभग 200 साल पुराने हैं हथियार
वहीं इस घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस राजस्व विभाग और पुरातत्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। तिलहर विधायक सलोना कुशवाह भी घटनास्थल पर पहुंची। क्षेत्रीय लोग भी यह खबर सुनकर बड़ी संख्या में खेत के पास इकठ्ठा हो गए। विशेषज्ञों के अनुसार ये हथियार लगभग 200 साल पुराने हैं।
पहली बार हल चलाते हुए प्राचीन हथियार का चला पता
इस मौके पर गांव वासी बाबू राम ने बताया कि कुछ समय पहले JCB से खेत की मिट्टी निकाली गई थी। पहली बार जब खेत जोतने के दौरान हल से टकराने की आवाज आई, तो यह चमत्कारी खोज सामने आई। वहीं दूसरी ओर गांव के ओमवीर सिंह ने बताया कि पहले यहां बाग था और अब बाबू राम ने खेत खरीदा था। इसी जमीन पर पहली बार हल चलाते हुए इन प्राचीन हथियारों का पता चला।
भारत में 18वीं सदी में शुरू हुआ बंदूकों का उपयोग
इस मौके पर बातचीत करते हुए इतिहासकार विकास खुराना ने कहा, कि बंदूकों का उपयोग भारत में 18वीं सदी में शुरू हुआ था और ये हथियार लगभग 200 साल पुराने हो सकते हैं। तलवार में चांदी की परत और जंग लग चुकी है, जबकि बंदूक के बैरल पर दीमक का असर दिख रहा है। अब इस सामग्री की और अधिक स्टडी के लिए जिलाधिकारी से अनुमति ली जाएगी।