Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 18 Jan, 2025 12:21 PM
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में नीलकंठ महादेव मंदिर और शम्सी जामा मस्जिद के बीच चल रहे विवाद पर आज अदालत में सुनवाई होनी है। इस मामले को लेकर कोर्ट यह तय करेगा कि यह मामला सुनवाई योग्य है या नहीं। इस विवाद को लेकर कोर्ट की आज की सुनवाई बहुत...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में नीलकंठ महादेव मंदिर और शम्सी जामा मस्जिद के बीच चल रहे विवाद पर आज अदालत में सुनवाई होनी है। इस मामले को लेकर कोर्ट यह तय करेगा कि यह मामला सुनवाई योग्य है या नहीं। इस विवाद को लेकर कोर्ट की आज की सुनवाई बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल साल 2022 में अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पटेल ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि शम्सी जामा मस्जिद की जगह पहले नीलकंठ महादेव मंदिर हुआ करता था। उनका आरोप है कि इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था। इस मामले में अदालत में सुनवाई चल रही है। पिछली बार सुनवाई के दौरान जामा मस्जिद के प्रबंधन की ओर से अदालत में यह तर्क दिया गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर-मस्जिद विवादों पर कोई भी आदेश देने पर रोक लगा दी है। इस पर वादी पक्ष ने अपना तर्क रखा था कि यह मामला अलग है और इसे सुना जाना चाहिए। अदालत ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज, 18 जनवरी 2025 को यह तय किया जाएगा कि इस मामले की सुनवाई होनी चाहिए या नहीं।
आज की सुनवाई का महत्व क्या?
बदायूं जिले में यह मामला स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। आज की सुनवाई इसलिए भी अहम है क्योंकि इस निर्णय से यह स्पष्ट होगा कि इस मामले में आगे की प्रक्रिया क्या होगी। हालांकि, अदालत ने पहले ही यह स्पष्ट किया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोई भी अंतिम फैसला नहीं दिया जा सकता, लेकिन यह सुनवाई इस बात पर केंद्रित होगी कि यह मामला सुनवाई योग्य है या नहीं।
क्या हैं पक्षों के दावे?
वादी पक्ष का कहना है कि शम्सी जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर बनाया गया था, जबकि मस्जिद के प्रबंधन की ओर से यह तर्क दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कोई भी धार्मिक स्थल विवादित नहीं किया जा सकता। इस मामले में दोनों पक्षों के वकील अपने-अपने तर्क प्रस्तुत करेंगे और अदालत फिर यह तय करेगी कि क्या इस मामले की आगे सुनवाई होनी चाहिए या नहीं।
जिला बार एसोसिएशन के चुनाव के कारण सुनवाई टली थी
इससे पहले, जिला बार एसोसिएशन के चुनाव के कारण इस मामले की सुनवाई टाल दी गई थी। अब, आज की सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि क्या इस मामले में कानूनी बहस की जाए या नहीं।