Edited By Mahima,Updated: 20 Nov, 2024 11:12 AM
WHO ने एमपॉक्स के खिलाफ LC16m8 वैक्सीनेशन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी है। यह वैक्सीनेशन महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करेगी। एमपॉक्स एक गंभीर वायरल बीमारी है, जो इंसान से...
नेशनल डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को Monkeypox के खिलाफ LC16m8 नामक एक नई वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल (EUL) के लिए मंजूरी दे दी है। यह वैक्सीन महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने और जोखिम में रहने वाले समूहों को इस खतरनाक वायरल संक्रमण से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। WHO के इस कदम से एमपॉक्स से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर नए उपायों को लागू किया जाएगा, जिससे दुनियाभर में इस संक्रमण के खिलाफ अधिक प्रभावी ढंग से लड़ा जा सकेगा।
WHO की मंजूरी: एक नई उम्मीद
WHO के औषधियों और स्वास्थ्य विभाग के सहायक डायरेक्टर युकिको नाकातानी ने इस वैक्सीनेशन को लेकर कहा, "हमारा उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य संकट को नियंत्रण में लाना है। एलसी16एम8 वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल करना एक अहम कदम है। यह वैक्सीनेशन, खासकर बच्चों और अन्य उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए सुरक्षा प्रदान करेगा।" यह वैक्सीन अब उन देशों के लिए उपलब्ध होगी, जहां एमपॉक्स का खतरा अधिक है, और इससे महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। EUL (Emergency Use Listing) के तहत, WHO देशों को शीघ्रता से वैक्सीन्स उपलब्ध कराता है, जिससे इन देशों में महामारी को रोकने में मदद मिलती है। यह प्रक्रिया दुनिया भर में वैक्सीनेशन की गति को तेज करती है और प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीनेशन अभियान को जल्दी शुरू करने की अनुमति देती है।
एमपॉक्स क्या है और क्यों है खतरनाक?
एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो एमपॉक्स वायरस (Monkeypox virus) के कारण होती है। यह बीमारी आमतौर पर जानवरों से इंसान में फैलती है, लेकिन इसके इंसान से इंसान में फैलने के भी कई मामले सामने आए हैं। शुरुआत में यह वायरस अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाया जाता था, लेकिन 2022 के बाद इस बीमारी के मामलों में अचानक वृद्धि हुई और अब यह बीमारी कई देशों में फैल गई है, जिससे इस पर नियंत्रण पाना एक वैश्विक चुनौती बन गई है।
एमपॉक्स के लक्षण
एमपॉक्स के लक्षण कुछ हद तक चेचक (smallpox) के समान होते हैं, लेकिन यह बीमारी कम गंभीर होती है। फिर भी, यदि इलाज समय पर न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। एमपॉक्स के शुरुआती लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- तेज बुखार,
- सिरदर्द,
- मांसपेशियों में दर्द,
- ठंड लगना,
- थकावट,
- और स्किन पर मवाद वाले दाने (मैकुलोपापुलर दाने), जो बाद में घाव में बदल सकते हैं।
यह बीमारी आमतौर पर 2-4 हफ्तों में ठीक हो जाती है, लेकिन इसके गंभीर लक्षण और लंबे समय तक इलाज की आवश्यकता हो सकती है, जिससे यह खतरनाक साबित हो सकता है।
WHO द्वारा अनुमोदित वैक्सीन: LC16m8
WHO ने LC16m8 वैक्सीन को एमपॉक्स के खिलाफ सुरक्षा के लिए आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है। इस वैक्सीनेशन का उद्देश्य महामारी पर काबू पाना और उन लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है जो इस बीमारी के उच्च जोखिम में हैं, जैसे कि स्वास्थ्य कर्मी, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोग, और प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोग।
वैक्सीनेशन से एमपॉक्स का बचाव
वैक्सीनेशन एक प्रभावी तरीका है एमपॉक्स से बचाव का। WHO द्वारा अनुमोदित LC16m8 वैक्सीन इस वायरल संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती है और इसे उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को दिया जाएगा। इसके अलावा, इस वैक्सीनेशन से वायरस के फैलाव को रोकने में भी मदद मिलेगी। WHO के मुताबिक, इस वैक्सीनेशन से न सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों और प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को बचाव मिलेगा, बल्कि यह समुदाय में फैलने वाली महामारी को भी रोकने में मददगार साबित होगा। वैक्सीनेशन अभियान को वैश्विक स्तर पर तेजी से लागू करने की योजना है, जिससे इस वायरस के फैलाव को नियंत्रित किया जा सके।
एमपॉक्स से बचाव के उपाय
WHO ने एमपॉक्स से बचाव के लिए कुछ आवश्यक उपाय सुझाए हैं जिन्हें अपनाकर इस वायरस से बचा जा सकता है:
1. प्रभावित और संक्रमित क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें।
2. आवारा जानवरों से संपर्क न करें, क्योंकि यह वायरस आमतौर पर जानवरों से फैलता है।
3. संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें।
4. पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) का इस्तेमाल करें, खासकर स्वास्थ्य कर्मचारियों को।
5. घावों को खुले में न छोड़ें। यदि शरीर में किसी प्रकार की चोट या घाव हो, तो उसे तुरंत ढककर रखें ताकि वायरस न फैले।
वैश्विक सहयोग और वैक्सीनेशन अभियान
WHO और देशों के स्वास्थ्य विभागों को इस वैश्विक महामारी पर काबू पाने के लिए समन्वित प्रयास करने की जरूरत होगी। LC16m8 वैक्सीन की मंजूरी से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि प्रभावित देशों में शीघ्रता से वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो सके। इस वैक्सीनेशन को अधिकतर स्वास्थ्य कर्मचारियों, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों, और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वालों को दिया जाएगा। इसके अलावा, WHO द्वारा वैक्सीनेशन और महामारी के प्रसार पर काबू पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और सुरक्षा उपायों को बढ़ावा दिया जाएगा।
WHO द्वारा LC16m8 वैक्सीनेशन को मंजूरी देने के बाद, एमपॉक्स महामारी से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह वैक्सीनेशन अब उन लोगों को सुरक्षा प्रदान करेगा जो इस वायरस के संपर्क में आ सकते हैं। एमपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए वैक्सीनेशन के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और सुरक्षा उपायों का पालन भी जरूरी होगा। इस वैश्विक सहयोग से एमपॉक्स के बढ़ते मामलों पर काबू पाया जा सकेगा और इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा।