Edited By rajesh kumar,Updated: 26 Dec, 2024 06:04 PM
अगर आप नए साल पर वैष्णो देवी दर्शन का प्लान बना रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित वैष्णो देवी यात्रा के आधार शिविर के पास रोपवे परियोजना को लेकर विरोध जारी है। इस विरोध की वजह से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का...
नेशनल डेस्क: अगर आप नए साल पर वैष्णो देवी दर्शन का प्लान बना रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित वैष्णो देवी यात्रा के आधार शिविर के पास रोपवे परियोजना को लेकर विरोध जारी है। इस विरोध की वजह से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि विरोध के चलते कटरा में बंद और भूख हड़ताल जारी है।
क्यों हो रहा रोपवे परियोजना का विरोध?
दरअसल, वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने पिछले महीने रोपवे परियोजना को मंजूरी दी थी। इस परियोजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और उन लोगों को सहूलत प्रदान करना है, जो 13 किलोमीटर लंबा पहाड़ी रास्ता चढ़ने में असमर्थ होते हैं। हालांकि, स्थानीय व्यापारियों और अन्य संगठनों का मानना है कि यह परियोजना उनके रोजगार को प्रभावित करेगी। खासकर, खच्चर चालकों, पालकी चालकों और छोटे दुकानदारों की आजीविका पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
प्रदर्शन और भूख हड़ताल जारी
प्रदर्शनकारियों ने इस परियोजना के खिलाफ आवाज उठाते हुए 72 घंटे का बंद बुलाया है, जो बुधवार से शुरू हुआ है। श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के प्रवक्ता ने कहा, "हम तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे, जब तक सरकार रोपवे परियोजना को रद्द नहीं कर देती।" समिति का आरोप है कि इस परियोजना से कटरा के निवासियों की आजीविका पर संकट आ जाएगा, क्योंकि उनकी आय का प्रमुख स्रोत वैष्णो देवी यात्रा से संबंधित व्यापार है। बुधवार रात को प्रदर्शनकारियों ने भूख हड़ताल शुरू की, और उनकी मुख्य मांग यह है कि रोपवे परियोजना के विरोध में गिरफ्तार किए गए अपने साथियों को रिहा किया जाए।
कटरा में जनजीवन प्रभावित
प्रदर्शन के कारण गुरुवार को लगातार दूसरे दिन कटरा में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। दुकानदारों, रेस्टोरेंट मालिकों और व्यापारियों ने हड़ताल में शामिल होकर अपनी दुकानें बंद रखीं, जिससे सड़कें सुनसान हो गईं।
श्राइन बोर्ड ने की व्यवस्थाएं
हालांकि, यात्रियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए श्राइन बोर्ड ने विशेष लंगर की व्यवस्था की है। बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने कहा कि कटरा रेलवे स्टेशन, बाणगंगा और ताराकोटे मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर लगाए गए हैं। इसके अलावा, यात्रा के दौरान भोजन और ठहरने की व्यवस्था भी की गई है।
श्रद्धालुओं की परेशानियां
इसके बावजूद, बंद के कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है कि स्थानीय परिवहन और भोजनालयों की अनुपलब्धता से उनकी यात्रा प्रभावित हो रही है। एक श्रद्धालु ने कहा, "हम चाहते हैं कि प्रदर्शनकारी अपनी हड़ताल खत्म करें, ताकि हमारी यात्रा बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके।"