Edited By rajesh kumar,Updated: 03 May, 2023 09:23 PM
कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध का उल्लेख करने के खिलाफ संघ परिवार के कड़े विरोध के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध का उल्लेख करने के खिलाफ संघ परिवार के कड़े विरोध के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कोई सुझाव नहीं है। उन्होंने उडुपी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने नफरत की राजनीति के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की कड़ी टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में घोषणापत्र में बजरंग दल जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का उल्लेख किया था।
मोइली ने कहा कि राज्य सरकारों को ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अब सरदार वल्लभभाई पटेल की पूजा करने वाली भाजपा भूल जाती है कि पटेल ने एक समय आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बाद में जवाहरलाल नेहरू ने इस निर्णय को रद्द कर दिया था।'' मोइली ने कहा, ‘‘नफरत की राजनीति पर उच्चतम न्यायालय का रुख बहुत स्पष्ट है।
इसी के मद्देनजर हमने अपने घोषणापत्र में इसका वर्णन किया था, लेकिन हमारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है। केरल कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने आज इसे स्पष्ट कर दिया है।'' इस बीच, मंगलुरु में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान हनुमान की तुलना एक संगठन से करके भगवान हनुमान के भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
उन्होंने भगवान हनुमान पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए प्रधानमंत्री से माफी की मांग की। उन्होंने कहा, "किसी ने भी बजरंगबली को अपमानित करने का अधिकार प्रधानमंत्री को नहीं दिया है। उन्हें एक व्यक्ति या संगठन और भगवान हनुमान के बीच तुलना करने के लिए कन्नडिगों से माफी मांगनी चाहिए।" वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस विभाजन के बीज बोने वाले और समाज में नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।