Edited By Yaspal,Updated: 04 Oct, 2024 05:36 PM
देश में नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं। इस दौरान हर कोई नौ देवियों की पूजा अर्चना करता है। इन नौ दिनों तक लोग नॉनवेज छोड़कर शाकाहारी व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। लेकिन इस बीच महंगाई को लेकर आ रही रिपोर्ट ने लोगों की नींद उड़ा दी है
नई दिल्लीः देश में नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं। इस दौरान हर कोई नौ देवियों की पूजा अर्चना करता है। इन नौ दिनों तक लोग नॉनवेज छोड़कर शाकाहारी व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। लेकिन इस बीच महंगाई को लेकर आ रही रिपोर्ट ने लोगों की नींद उड़ा दी है। दरअसल, वेज थाली नॉनवेज थाली के मुकाबले 11 प्रतिशत तक महंगी हो गई है।
देश में महंगाई का आलम ये है कि रिटेल इंफ्लेशन के 4 प्रतिशत से नीचे आने के बावजूद फूड इंफ्लेशन ऊंचाई पर बनी हुई है। इस बात पर मुहर एक रिपोर्ट भी लगाती है, जिसमें कहा गया है कि अब घर बना खाना भी लोगों के लिए महंगा हो चुका है। आलू , प्याज और टमाटर जैसी सामान्य सब्जियों के दाम इतने बढ़ चुके हैं लोगों की घर की वेज थाली पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर में 11 प्रतिशत महंगी हो गई है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2023 में शाकाहारी भोजन की थाली की एवरेज कॉस्ट 28.1 रुपए थी। इस साल सितंबर में ये बढ़कर 31.3 रुपए हो गई। जबकि अगस्त में इसकी एवरेज कॉस्ट 31.2 रुपए थी। इस तरह सालभर में आम लोगों का खाना 11 प्रतिशत महंगा हुआ है।
सब्जियों के बढ़ते दाम जिम्मेदार
क्रिसिल ने ‘Roti, Rice, Rate’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें सब्जियों के दाम में आई तेजी को थाली महंगी होने का सबसे बड़ा कारण बताया गया है। एक सामान्य वेज थाली की 37 प्रतिशत लागत सिर्फ सब्जियों की कीमत चुकाने में ही जाती है। इसके अलावा बीते एक साल में आटा, चावल, दाल और तेल के भी दाम बढ़े हैं।
कितना महंगा हुआ आलू-टमाटर-प्याज?
क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर में प्याज, आलू तथा टमाटर की कीमतें बढ़ी हैं। प्याज के दाम 53 प्रतिशत, आलू के 50 प्रतिशत और टमाटर के दाम 18 प्रतिशत तक बढ़ें हैं। इसकी वजह प्याज तथा आलू की आवक कम होना है। वहीं भारी बारिश के चलते आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में टमाटर का उत्पादन प्रभावित हुआ है। प्रोडक्शन में कमी से दालों की कीमतों में पिछले साल की तुलना में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जबकि साल की शुरुआत में कीमतों में कटौती के कारण ईंधन की कीमतों में 11 प्रतिशत की गिरावट आई है।
नॉन-वेज थाली हुई सस्ती
मांसाहारी भोजन की थाली इस दौरान सस्ती हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल नॉन-वेज थाली की एवरेज कॉस्ट 2 प्रतिशत घटकर 59.3 रुपए हो गई। वहीं ब्रॉयलर (एक तरह का चिकन) की कीमतों में 13 प्रतिशत की गिरावट आई जिसका इस थाली में 50 प्रतिशत योगदान है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति
क्रिसिल की ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब भारतीय रिजर्व बैंक अगले हफ्ते अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति जारी करने वाला है। मौद्रिक नीति से देश में महंगाई पर नियंत्रण किया जाता है। भारत में मौद्रिक नीति के निर्धारण में रिटेल इंफ्लेशन का अहम योगदान होता है, जिसका एक बड़ा वेटेज फूड प्राइस इंडेक्स का होता है।