Edited By Rohini Oberoi,Updated: 08 Apr, 2025 09:22 AM
राजस्थान के वरिष्ठ नेता और तीन बार विधायक रहे किशनाराम नाई का सोमवार रात निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी और सीने में संक्रमण की बीमारी से जूझ रहे थे। उनका निधन श्रीडूंगरगढ़ में हुआ। उनके निधन के बाद राजस्थान की राजनीति में शोक की...
नेशनल डेस्क। राजस्थान के वरिष्ठ नेता और तीन बार विधायक रहे किशनाराम नाई का सोमवार रात निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी और सीने में संक्रमण की बीमारी से जूझ रहे थे। उनका निधन श्रीडूंगरगढ़ में हुआ। उनके निधन के बाद राजस्थान की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है। किशनाराम नाई का अंतिम संस्कार आज दोपहर बाद किया जाएगा। उनके पड़पोते करण आशीष जाड़ीवाल के अनुसार उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार दोपहर 2 बजे श्रीडूंगरगढ़ के मोक्षधाम कालू रोड पहुंचेगी।
बीजेपी नेताओं ने जताया शोक
किशनाराम नाई के निधन पर भाजपा के कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के अध्यक्ष रामगोपाल सुथार, पूर्व विधायक बिहारी लाल बिश्नोई और भाजपा नेता अशोक भाटी ने अपने शोक संदेशों में किशनाराम नाई के योगदान की सराहना की और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।
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राजनीति में किशनाराम नाई का सफर
किशनाराम नाई ने वर्ष 1956 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वे तीन बार भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के टिकट पर विधायक चुने गए। इसके अलावा वे श्रीडूंगरगढ़ नगर पालिका के चेयरमैन बीकानेर देहात भाजपा जिलाध्यक्ष और चूरू भाजपा जिलाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे।
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किशनाराम नाई का राजनीतिक सफर 1990 में उस समय चर्चा में आया जब उन्होंने दिग्गज नेता कुंभाराम आर्य को हराया था। इसके बाद 1993 में भैरोंसिंह शेखावत सरकार के दौरान आए राजनीतिक संकट में उन्होंने संकटमोचक की भूमिका निभाई। इस कार्य के बाद वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरोंसिंह शेखावत के करीबी सहयोगी बन गए थे।
बता दें कि किशनाराम नाई का निधन राजस्थान की राजनीति के लिए एक बड़ा आघात है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनकी कमी महसूस की जाएगी।