Edited By Mahima,Updated: 19 Dec, 2024 10:41 AM
गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में तांत्रिक द्वारा तंत्र-मंत्र से इलाज करने का वीडियो वायरल हुआ है, जिससे अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच का आदेश दिया है और अस्पताल प्रशासन ने भविष्य में...
नेशनल डेस्क: गुजरात के अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में एक कथित तांत्रिक द्वारा मरीज का इलाज करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो ने जहां एक ओर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में फैल रही अंधश्रद्धा को लेकर भी गंभीर चर्चा शुरू हो गई है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक तांत्रिक, जो मुंह पर मास्क लगाकर अस्पताल में दाखिल हुआ था, आईसीयू में भर्ती मरीज के पास पहुंचकर तंत्र-मंत्र करता है और यह दावा करता है कि वह मरीज को ठीक कर रहा है।
वीडियो का कंटेंट और वायरल होना
वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि कथित तांत्रिक अहमदाबाद सिविल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर पर पड़े एक मरीज के पास पहुंचता है। तांत्रिक के हाथ में कुछ दिखता है, जिसे वह मंत्रों के साथ मरीज के माथे पर फेरता है। यह देखकर अस्पताल में मौजूद लोग हैरान रह जाते हैं क्योंकि मरीज को इस स्थिति में तंत्र-मंत्र से ठीक करना चिकित्सा प्रक्रिया के बिल्कुल विपरीत है। वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि मरीज बाद में स्वस्थ होकर अपने घर लौटता है, जहां तांत्रिक का भव्य स्वागत किया जाता है। घर के रास्ते में फूल बिछाए जाते हैं, तांत्रिक की आरती उतारी जाती है और उसे सम्मानित किया जाता है। वीडियो के अंत में मरीज का परिवार तांत्रिक का आभार व्यक्त करते हुए कहता है, "मुकेश भुवाजी की कृपा से मेरे पति स्वस्थ हो गए।"इस वीडियो के वायरल होते ही लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठाने लगे हैं। लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि अस्पताल के आईसीयू वार्ड में एक तांत्रिक का आना और तंत्र-मंत्र से इलाज करना कैसे संभव है, जबकि अस्पताल के डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहे होते हैं। यह मामला अंधश्रद्धा और चिकित्सा के सही दृष्टिकोण पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
सिविल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
अहमदाबाद का सिविल अस्पताल एशिया के सबसे बड़े और प्रमुख अस्पतालों में से एक माना जाता है, जहां सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त होती है। अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे और सिक्योरिटी गार्ड्स तैनात रहते हैं, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के अस्पताल के अंदर प्रवेश न कर सके। अस्पताल के कई स्थानों पर स्पष्ट रूप से यह लिखा गया है कि अस्पताल में फोटो या वीडियो बनाना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद, कैसे एक तांत्रिक सुरक्षा घेरा तोड़कर आईसीयू वार्ड में पहुंच सकता है और मरीज के पास जाकर तंत्र-मंत्र करके वीडियो भी बना सकता है, यह सवाल सबके मन में उठ रहा है। इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर किया है। सवाल उठता है कि क्या सिक्योरिटी गार्ड्स और सीसीटीवी कैमरों के बावजूद कोई बाहरी व्यक्ति आईसीयू तक पहुंच सकता है, और अगर ऐसा हुआ तो इसके जिम्मेदार कौन हैं? अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट, डॉक्टर राकेश जोशी ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है और कहा है कि तांत्रिक ने अस्पताल में प्रवेश करने के लिए मरीज के परिवार द्वारा दिया गया पास इस्तेमाल किया था, जिससे वह संबंधी बनकर आईसीयू तक पहुंच सका।
अंधश्रद्धा पर उठे सवाल
वायरल वीडियो ने समाज में फैली अंधश्रद्धा को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। जब अस्पताल में डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहे थे, तब एक तांत्रिक के द्वारा तंत्र-मंत्र से इलाज करने का दावा करना पूरी तरह से विज्ञान और चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ है। यह घटना यह भी दिखाती है कि किस तरह से कुछ लोग अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के माध्यम से रोगियों को इलाज का भरोसा दिलाने की कोशिश करते हैं, जबकि यह सिर्फ एक मानसिकता का हिस्सा होता है, न कि किसी वैज्ञानिक या चिकित्सा पद्धति का। विशेषज्ञों का कहना है कि तंत्र-मंत्र से किसी मरीज का इलाज करना पूरी तरह से गलत है। इलाज के लिए विज्ञान और चिकित्सा पद्धतियों पर विश्वास करना चाहिए, न कि किसी तरह की अंधश्रद्धा पर। भारत में अंधश्रद्धा को लेकर कई जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है ताकि लोग सही चिकित्सा की दिशा में विश्वास रखें और अंधविश्वास से बचें।
स्वास्थ्य मंत्री और प्रशासन की प्रतिक्रिया
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट को तांत्रिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाए और सुरक्षा उपायों को सख्त किया जाए। इसके अलावा, अस्पताल में आने-जाने वालों पर निगरानी और सख्त की जाएगी, ताकि भविष्य में किसी भी तरह के अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र से संबंधित घटनाओं से बचा जा सके। अस्पताल प्रशासन ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है। डॉक्टर राकेश जोशी ने स्पष्ट किया कि तांत्रिक द्वारा मरीज को तंत्र-मंत्र से स्वस्थ करने का दावा केवल अंधश्रद्धा है और इस पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के आईसीयू वार्ड में प्रवेश न कर सके। यह मामला न केवल अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल उठा रहा है, बल्कि समाज में फैल रही अंधश्रद्धा और तंत्र-मंत्र के प्रति लोगों की बढ़ती निष्ठा को लेकर भी गंभीर चिंताएं पैदा करता है। अस्पताल प्रशासन और सरकारी अधिकारियों को इस मामले में कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी प्रकार के अंधविश्वास का समर्थन न किया जा सके। चिकित्सा क्षेत्र में केवल वैज्ञानिक पद्धतियों पर विश्वास करना ही सही है और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है।