Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 01 Feb, 2025 06:44 PM
जयपुर के दिल्ली-अजमेर हाईवे पर एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां चेकिंग के दौरान ट्रेलर और ट्रक के बीच टक्कर हो गई, और उसके बाद गुस्साए लोगों ने RTO इंस्पेक्टर की पिटाई कर दी। यह घटना शनिवार सुबह की है, जब परिवहन विभाग का उड़नदस्ता वाहनों...
नेशनल डेस्क: जयपुर के दिल्ली-अजमेर हाईवे पर एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां चेकिंग के दौरान ट्रेलर और ट्रक के बीच टक्कर हो गई, और उसके बाद गुस्साए लोगों ने RTO इंस्पेक्टर की पिटाई कर दी। यह घटना शनिवार सुबह की है, जब परिवहन विभाग का उड़नदस्ता वाहनों की चेकिंग कर रहा था जयपुर के विश्वकर्मा थाना क्षेत्र में स्थित सांखला ढाबा के पास RTO का उड़नदस्ता तैनात था। उड़नदस्ता टीम वाहनों की चेकिंग कर रही थी, जब सुबह करीब 11 बजे एक ट्रेलर को सड़क किनारे खड़ा करके चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान एक ट्रक ने गलत तरीके से तेज़ी से चलकर उस ट्रेलर को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेलर के ड्राइवर का केबिन दब गया, और वह अंदर फंस गया।
RTO इंस्पेक्टर की मदद और बाद का हंगामा
अचानक हुए इस हादसे के बाद, RTO इंस्पेक्टर ने अपनी टीम के साथ तुरंत ड्राइवर की मदद की और उसे केबिन से बाहर निकाला। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकिन इसी बीच, कुछ लोग गुस्से में आ गए और आरोप लगाया कि उड़नदस्ता की चेकिंग के कारण यह हादसा हुआ था। गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने RTO इंस्पेक्टर पर हमला कर दिया। इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे हंगामा और बढ़ गया।
पुलिस की कार्रवाई और स्थिति पर नजर
विश्वकर्मा थाना के SHO, राजेन्द्र कुमार ने जानकारी दी कि हादसे के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी बताया कि जब हादसा हुआ, उस समय RTO इंस्पेक्टर ने ड्राइवर को अस्पताल भेजने में मदद की थी। हालांकि, बाद में गुस्साए लोगों ने उनके साथ मारपीट की। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
समाज पर असर और चर्चा
इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इस घटना को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि क्या चेकिंग के दौरान इस तरह की घटनाएं होनी चाहिए, जबकि कुछ लोग RTO इंस्पेक्टर द्वारा की गई मदद की सराहना कर रहे हैं। यह घटना इस बात का उदाहरण बन गई है कि सार्वजनिक स्थानों पर किसी दुर्घटना या जाम के दौरान गुस्से में आकर किसी पर हमला करना गलत है, चाहे वह किसी भी विभाग का अधिकारी हो।