अगर आपके फोन पर आया है फेक E-Challan, तो जाएं सावधान, वियतनाम का हैकर ग्रुप भारतीयों को बना रहें शिकार

Edited By Radhika,Updated: 22 Jul, 2024 02:31 PM

vietnam s hacker group is making indians its victims by sending fake e challan

समय के बदलाव के साथ- साथ अब पुराने रुल्स एंड रेगुलेशन भी बदले जा रहे हैं। इसे आपके व्हीकल के चालान की उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। अगर आज आपके स्कूटर, कार या बाइक का चालान होता है या फिर कोई ट्रैफिक नियम टूटता है तो वह कैमरे में कैद हो जाता है।

नेशनल डेस्क: समय के बदलाव के साथ- साथ अब पुराने रुल्स एंड रेगुलेशन भी बदले जा रहे हैं। इसे आपके व्हीकल के चालान की उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। अगर आज आपके स्कूटर, कार या बाइक का चालान होता है या फिर कोई ट्रैफिक नियम टूटता है तो वह कैमरे में कैद हो जाता है।  इसी तर्ज अब साइबर क्रिमिनल्स लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं। साइबर क्रिमिनल्स आम लोगों को फेक E-Challan का डर दिखाकर शिकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी फर्म CloudSEK ने एक रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है कि, जिसके अनुसार वियतनाम में बैठा साइबर क्रिमिनल्स का एक गिरोह भारतीयों को E-Challan के नाम पर ठगी का शिकार बना रहा है। 

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भारतीय यूजर्स को किया जा रहा है टारगेट- 
वियतनाम में बैठा साइबर क्रिमिनल्स का ग्रुप भारतीय यूजर्स को टागरेट कर रहा है। वे इंडियन्स को लूटने के लिए फेक ई- चालान भेज रहे हैं। हालांकि इससे पहले यह ग्रुप टागरेट किए व्यक्ति को  परिवहन सेवा या कर्नाटक पुलिस के नाम से मैसेज भेजते हैं। इसमें फेक ट्रैफिक नियमों को तोड़ने की जानकारी होती है और उस पर फाइन के बारे में बताते हैं। इस मैसेज में एक लिंक भी होता है। इस मैसेज में एक लिंक दिया होता है, जिस पर क्लिक करते ही व्यक्ति के फोन में Malicious App डॉउनलोड हो जाता है। 

एक्सेस की जाती है डिमांड-

ऐप के इन्स्टॉल होने के बाद इस पर परमिशन ली जाती है और बाद में बाद फोन कॉल, मैसेज आदि का एक्सेस की डिमांड की जाती है। कई बार तो यह ऐप डिफॉल्ट मैसेजिंग ऐप का एक्सेस ले लेता है।

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16 लाख रुपये की ठगी को दे चुके हैं अंजाम- 

जानकारी के लिए बता दें कि ये मैलवेयर, Wromba फैमिली का हिस्सा है। यह 4400 डिवाइस से अधिक को इनफेक्टेड कर चुका है। इसके बाद चोरी से OTP का एक्सेस लिया जाता है और मैसेज के ज़रिए अन्य जानकारी ली जाती है। धीरे-धीरे ई-कॉमर्स अकाउंट का  एक्सेस लेकर  उन रुपयों से गिफ्ट कार्ड खरीद कर आगे यूज़ करते हैं। ऐसे में मनी ट्रैकिंग में मुश्किलें सामने आती हैं और हैकर्स बचकर निकल जाते हैं। अबतक ऐसी जानकारी सामने आई है कि ये ग्रुप अबतक तकरीबन 16 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दे चुका है। 
 

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