विक्रम मिसरी भारत के नए विदेश सचिव होंगे, विनय क्वात्रा की लेंगे जगह

Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Jun, 2024 04:28 PM

vikram misri will be the new foreign secretary of india

1989 बैच के आईएफएस अधिकारी विक्रम मिसरी भारत के नए विदेश सचिव होंगे, जो वर्तमान विदेश सचिव विनय क्वात्रा का स्थान लेंगे। यह नियुक्ति 15 जुलाई से प्रभावी होगी।

नेशनल डेस्क: उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) विक्रम मिस्री को शुक्रवार को अगला विदेश सचिव नियुक्त किया गया। 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी मिसरी को 15 जुलाई से इस पद पर नियुक्त किया गया है। वे विनय मोहन क्वात्रा का स्थान लेंगे, जिन्हें इस साल मार्च में छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया था।

नियुक्ति 15 जुलाई से प्रभावी होगी
आधिकारिक आदेश में कहा गया है, "मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विदेश मंत्रालय के निम्नलिखित प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। 12 मार्च 2024 के आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए विदेश सचिव के रूप में श्री विनय क्वात्रा, (आईएफएस: 1988) की सेवा को 30 अप्रैल 2024 से आगे 14 जुलाई 2024 तक विस्तार दिया जाएगा। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में श्री विक्रम मिस्री, आईएफएस (1989) के कार्यकाल में कटौती की जाएगी।"  

इसमें कहा गया है, "राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री विक्रम मिसरी, आईएफएस (1989) की विदेश सचिव के पद पर 15 जुलाई, 2024 से नियुक्ति की गई है।" वे विनय क्वात्रा का स्थान लेंगे। क्वात्रा को इस वर्ष मार्च में छह महीने का विस्तार दिया गया था। विदेश सचिव के रूप में मिसरी का कार्यकाल 15 जुलाई से शुरू होगा, जबकि क्वात्रा को दिया गया विस्तार 14 जुलाई को समाप्त हो जाएगा।

जानिए विक्रम मिस्री के बारे में 
59 वर्षीय मिसरी को तीन प्रधानमंत्रियों - 1997 में इंद्र कुमार गुजराल, 2012 में मनमोहन सिंह और 2014 में नरेंद्र मोदी - के निजी सचिव के रूप में कार्य करने का अनूठा गौरव प्राप्त है। मिसरी का जन्म 1964 में श्रीनगर में हुआ था और उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री और एक्सएलआरआई से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है।

2016 में म्यांमार में भारत के राजदूत बने
मिसरी चीन में भारत के राजदूत थे और उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद भारत और चीन के बीच चर्चा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपने शुरुआती करियर में मिसरी ने ब्रुसेल्स और ट्यूनिस में भारतीय दूतावासों में काम किया। वे 2014 में स्पेन और 2016 में म्यांमार में भारत के राजदूत बने। उन्होंने अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में कई भारतीय राजनयिक मिशनों में भी पद संभाले हैं।

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