Edited By Parminder Kaur,Updated: 08 Oct, 2024 04:28 PM
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में 10 साल की बच्ची के शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाने पर हजारों ग्रामीणों ने पुलिस के वाहन को घेर लिया और उसमें तोड़फोड़ की। यह जानकारी मंगलवार को पुलिस ने दी। बच्ची की हत्या 5 अक्टूबर को हुई थी, जब वह...
नेशनल डेस्क. पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में 10 साल की बच्ची के शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाने पर हजारों ग्रामीणों ने पुलिस के वाहन को घेर लिया और उसमें तोड़फोड़ की। यह जानकारी मंगलवार को पुलिस ने दी। बच्ची की हत्या 5 अक्टूबर को हुई थी, जब वह ट्यूशन पढ़कर घर लौट रही थी। उसके शव को पहले कोलकाता के काटापुकुड़ के शवगृह में रखा गया था, लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सोमवार को इसे नादिया जिले के कल्याणी स्थित जेएनएम अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
प्रदर्शन का कारण
सोमवार रात जब बच्ची का शव गांव लाया गया, तो हजारों ग्रामीणों ने कृपाखली मोड़ पर धरना दिया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो प्रदर्शनकारी 'हमें न्याय चाहिए' के नारे लगाने लगे। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारी शव के साथ महिषमारी पुलिस चौकी तक मार्च निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
हिंसक प्रदर्शन
इसके बाद प्रदर्शनकारी शव को कृपाखली श्मशान घाट ले गए और दाह संस्कार की तैयारी करने लगे। इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारी सड़क बाधित करने पहुंचे, जिससे प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया। उन्होंने एक पुलिस वाहन पर पथराव किया, जिसमें एक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया कि वे सड़क जाम खत्म करें, लेकिन ग्रामीणों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा, जिसमें उनका कहना था कि यह दुर्गा पूजा के दौरान चलता रहेगा।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस अधिकारी ने बताया कि वाहन में एक महिला कांस्टेबल की तबियत खराब हो गई थी। प्रदर्शनकारियों ने वाहन में तोड़फोड़ की, लेकिन चालक ने उसे दूसरे रास्ते से निकालने में सफलता पाई। प्रदर्शनकारियों की पहचान की जाएगी और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
प्रदर्शन में शामिल निमई सरदार ने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है और पुलिस मामले में लीपापोती कर रही है। जयनगर की सांसद प्रतिमा मंडल को भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा, जब लोगों ने उनके खिलाफ 'वापस जाओ' के नारे लगाए।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रविवार को आदेश दिया था कि पीड़िता का पोस्टमॉर्टम सोमवार को कल्याणी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में होना चाहिए, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण इसे जेएनएम अस्पताल में कराया गया।