Edited By Rohini,Updated: 07 Jan, 2025 09:50 AM
क्या आप सोच सकते हैं कि अगर आपके पास ढेर सारी दौलत हो तो आप क्या करेंगे? कुछ ऐसा ही सवाल 2023 में विनय हीरेमठ के सामने खड़ा हुआ है। ऑनलाइन फ्री स्क्रीन रिकॉर्डिंग टूल मुहैया कराने वाली कंपनी "लूम" को 975 मिलियन डॉलर (8368.59 करोड़ रुपए) में बेचने के...
नेशनल डेस्क। क्या आप सोच सकते हैं कि अगर आपके पास ढेर सारी दौलत हो तो आप क्या करेंगे? कुछ ऐसा ही सवाल 2023 में विनय हीरेमठ के सामने खड़ा हुआ है। ऑनलाइन फ्री स्क्रीन रिकॉर्डिंग टूल मुहैया कराने वाली कंपनी "लूम" को 975 मिलियन डॉलर (8368.59 करोड़ रुपए) में बेचने के बाद विनय अब खाली बैठे हैं और खुद को बेरोजगार महसूस कर रहे हैं। इस उलझन को उन्होंने अपने ब्लॉग के जरिए साझा किया।
कंपनी बेचने के बाद क्या हुआ?
विनय ने अपने ब्लॉग में बताया कि कंपनी बेचने के बाद उनका ब्रेकअप हो गया और अब वह यह सोच रहे हैं कि आगे क्या करें। उनके पास पैसे तो हैं लेकिन वह यह समझ नहीं पा रहे कि इन पैसों के साथ अपने भविष्य का क्या करें। उनका कहना है कि पैसे कमाने की अब कोई चाहत नहीं रही और वह पूरी तरह से आजाद हैं लेकिन इस आजादी का क्या करें यह समझ नहीं आ रहा।
क्या किया जा सकता है इतने पैसों से?
8368.59 करोड़ रुपए अगर आपके पास हों तो आप क्या कर सकते हैं? चलिए कुछ उदाहरणों से इसे समझते हैं।
ऑटो सेक्टर में निवेश
अगर आप ऑटो सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं तो आप भारत की टॉप मोटरसाइकिल कंपनी "होंडा इंडिया" को खरीद सकते हैं। अभी होंडा इंडिया की मार्केट कैप 2903 करोड़ रुपए है यानी आप इसे दो बार खरीद सकते हैं। इसके बाद भी आपके पास 2563 करोड़ रुपए बचेंगे।
UPI कंपनियों में निवेश
अगर आप यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) सेक्टर में क्रांति लाने का सपना देखते हैं तो आप मोबिक्विक कंपनी को भी खरीद सकते हैं। इसकी मार्केट कैप 4659 करोड़ रुपए है और आपको यह खरीदने में कोई परेशानी नहीं होगी।
ज्वैलरी कंपनियों में निवेश
अगर आप ज्वैलरी कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो गोल्डियम जैसी शानदार कंपनी को खरीद सकते हैं। इस कंपनी ने पिछले एक साल में 123 फीसदी का रिटर्न दिया है। गोल्डियम की कुल कीमत 4543 करोड़ रुपए है जो आप आराम से खरीद सकते हैं।
क्या है मुख्य सवाल?
विनय हीरेमठ जैसे अमीर व्यक्ति के लिए भी यह सवाल है कि जब आपके पास सब कुछ हो तो आप आगे क्या करें? क्या पैसे से ही सब कुछ हल हो जाता है या फिर एक और तरह की मानसिक उलझन से जूझना पड़ता है?
वहीं यह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि पैसे से ज्यादा जरूरी शायद कोई उद्देश्य और दिशा है जिसके बिना इंसान खाली महसूस करता है।