Edited By Mahima,Updated: 20 Aug, 2024 11:13 AM
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में जगह बनाने की कोशिशों को एक नई दिशा मिली है। 6 अगस्त को विनेश ने लगातार तीन मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश किया था, जिससे उनका सिल्वर मेडल पक्का हो गया था।
नेशनल डेस्क: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में जगह बनाने की कोशिशों को एक नई दिशा मिली है। 6 अगस्त को विनेश ने लगातार तीन मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश किया था, जिससे उनका सिल्वर मेडल पक्का हो गया था। हालांकि, गोल्ड मेडल मुकाबला 7 अगस्त को होना था, लेकिन उसी दिन सुबह विनेश को डिसक्वालिफाई कर दिया गया क्योंकि उनके वजन में 100 ग्राम की अधिकता पाई गई।
इसके बाद विनेश ने कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील की थी, जिसमें उन्होंने अपनी स्थिति सुधारने की मांग की थी। CAS ने इस मामले में 14 अगस्त को अपना निर्णय सुनाया था, लेकिन उस वक्त सिर्फ फैसले की जानकारी दी गई थी। अब CAS ने 19 अगस्त को विस्तृत फैसले की रिपोर्ट जारी की है, जिसमें पूरे मामले की जांच और निर्णय के आधार को विस्तार से बताया गया है।
CAS के फैसले के प्रमुख पॉइंट्स
1. वजन की अधिकता: CAS ने पुष्टि की है कि विनेश का वजन फाइनल से पहले दूसरे वजन माप में अधिक था। उनके मुताबिक, यह अधिकता 100 ग्राम की थी, जिसे मासिक धर्म, जल प्रतिधारण, और यात्रा जैसी प्राकृतिक वजहों से जोड़ा जा सकता है।
2. नियमों की सख्ती: CAS ने स्पष्ट किया है कि खेलों के नियम वजन के मामले में कोई सहनशीलता नहीं प्रदान करते। सभी एथलीटों को नियमों का पालन करना होता है और इसके लिए कोई छूट नहीं दी जाती, चाहे वजन कितना भी अधिक हो।
3. विवेकाधिकार की कमी: CAS ने कहा कि नियमों में कोई विवेकाधिकार नहीं है। अगर एथलीट वजन माप में असफल हो जाते हैं, तो वे प्रतियोगिता से बाहर हो जाते हैं। फाइनल से पहले का वजन माप नियमों के खिलाफ था, इसलिए विनेश को अयोग्य मानते हुए सिल्वर मेडल प्रदान नहीं किया जा सकता।
4. अनुच्छेद 11 का लागू होना: CAS ने बताया कि नियमों के अनुच्छेद 11 के तहत, यदि एथलीट किसी भी समय अयोग्य होते हैं, तो उन्हें किसी भी पदक के लिए विचार नहीं किया जा सकता। विनेश ने इस अनुच्छेद को चुनौती नहीं दी, इसलिए इसका पालन करना पड़ा।
5. वजन में सहनशीलता की मांग: विनेश ने अपील में कहा कि 100 ग्राम की अधिकता को व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार सहनशीलता दी जानी चाहिए। लेकिन नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
6. सफलता और अयोग्यता: पहले दिन वजन माप में सफलता प्राप्त करने के बावजूद, दूसरे दिन फाइनल से पहले वजन माप में असफल रहने के कारण विनेश को टूर्नामेंट से बाहर किया गया। इसने उन्हें सिल्वर मेडल भी छीन लिया।
7. संबंधित नियमों का पालन: CAS ने माना कि विनेश के साथ कोई अन्य पहलवान अपना मेडल खोने के पक्ष में नहीं हैं। विनेश ने संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल की मांग की थी, लेकिन नियमों में ऐसी कोई सुविधा नहीं है।
8. टूर्नामेंट के दौरान पात्रता: UWW (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) के नियमों के अनुसार, पहलवान को पूरे टूर्नामेंट के दौरान पात्र रहना होता है। इस कारण, एक बार अयोग्यता घोषित होने पर नियमों के अनुसार परिणाम लागू होते हैं।
9. फैसला: CAS ने यह निष्कर्ष निकाला कि विनेश द्वारा मांगी गई राहत को देने के लिए कोई प्रावधान नहीं है और उनकी अपील खारिज कर दी।
10. अनैतिकता की कमी: CAS ने पाया कि विनेश ने खेल के मैदान में गलत काम नहीं किया। उनका डिसक्वालिफिकेशन केवल वजन के नियमों के उल्लंघन के कारण हुआ।